नई दिल्ली : कर्नाटक के ऑफ स्पिनर कृष्णप्पा गौतम ने बिना किसी शर्त के माफी मांग ली है, लेकिन इस मामले को फिर भी अनुशासनात्मक समिति के सुपुर्द कर दिया गया है. गौतम पर बीसीसीआई ने अनुशासनात्मक कारणों से दिलीप ट्राफी और भारत-ए सीरीज में खेलने से रोक लगा दी थी. गौतम ने इंडिया रेड के लिये दिलीप ट्रॉफी का शुरुआती मैच खेला था और पांच विकेट झटके थे, लेकिन वह मैच के बाद यह कहते हुए बेंगलुरू के लिये निकल गये थे कि उन्हें टाइफाइड है. हालांकि बीसीसीआई से अनुमति लिये बिना उन्होंने कर्नाटक प्रीमियर लीग का एक टी-20 मैच खेल लिया. इसके बाद बीसीसीआई के महाप्रबंधक (खेल विकास) रत्नाकर शेट्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा था और उन्हें दिलीप ट्राफी में आगे हिस्सा लेने से रोक दिया.
उनका नाम न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ भारत-ए टीम से भी बाहर कर दिया. बिना शर्त के माफी पेश करने में गौतम ने बहुत अजीब सा कारण बताया कि उन्होंने बेलगावी पैंथर्स के लिये 12 सितंबर को केपीएल का मैच क्यों खेला था.
गौतम ने माफीनामे के पत्र में लिखा, मुझे लगा कि यह टाइफाइड है, लेकिन यह वायरल बुखार निकला. गौतम को लगा कि 85 मिनट तक मैदान पर रहकर चार ओवर गेंदबाजी करना जायज है, लेकिन वह इस बात से अनभिज्ञ थे कि वह चयनकर्ताओं की नजरों में हैं, क्योंकि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भारत-ए सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था. उन्हें न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ खेलना था. अध्यक्ष सीके खन्ना, वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और निरंजन शाह की मौजूदगी वाली बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति अब उनके भविष्य पर फैसला करेगी.
खन्ना ने कहा, उनका माफीनामा मिल गया है. मेरे विचार से गौतम ने दिलीप ट्राफी जैसे दर्जे के टूर्नामेंट का अपमान करके बहुत बड़ी गलती की. उन्होंने बिना किसी शर्त के माफी मांग ली है. वह युवा क्रिकेटर हैं और हमें उसके करियर को देखना है. मैं चाहता हूं कि वह लिखित रूप से अपनी बात रखें, लेकिन मैंने अभी शाह और सिंधिया से इस संबंध में चर्चा नहीं की है. पता चला है कि चयन समिति काफी नाराज है और इस 28 वर्षीय खिलाड़ी को निकट भविष्य में राष्ट्रीय टीम में जगह मिलना काफी मुश्किल होगा.