मुंबई हमले का गुनाहगार हाफिज सईद पाकिस्तान में लगातार खुलेआम घूम रहा है. उसको दोबारा से हिरासत में नहीं लेने से पाकिस्तान का नापाक चेहरा एक बार फिर से दुनिया के सामने आ गया है. उसकी नजरबंदी के दौरान से ही पाकिस्तान की नीयत का पता चल गया था कि उसने अमेरिका के दबाव में आकर खूंखार आतंकी हाफिज सईद को नजरबंद किया है और जल्द ही उसको बिना सजा दिलाए रिहा कर देगा.
आतंकी हाफिज की रिहाई पहले से ही तय थी. नजरबंदी के फौरन बाद हाफिज सईद का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह कह रहा था कि पाकिस्तान सरकार ने बाहरी दबाव में उसे गिरफ्तार किया है. आतंकी हाफिज ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नई-नई दोस्ती हुई है और मोदी के इशारे पर अमेरिकी दबाव में हमें नजरबंद करके रखा गया है. अमेरिका ने आतंकी हाफिज के सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम भी घोषित कर रखा था.
माना जा रहा है कि अब अमेरिका का दबाव कम होते ही पाकिस्तान ने अपना रंग दिखा दिया और हाफिज सईद की नजरबंदी खत्म कर दी. हाल ही में अमेरिका की ओर आतंकियों की जो सूची सौंपी गई थी, उसमें भी हाफिज का नाम नहीं था. इससे पाकिस्तान का मनोबल बढ़ गया और उसने हाफिज की रिहाई का रास्ता साफ कर दिया. हालांकि पाकिस्तान सरकार ने दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए हाफिज की नजरबंदी से रिहाई के बाद कहा था कि वह आतंकी हाफिज को किसी दूसरे मामले में हिरासत में लेगी.
फिलहाल आतंकी हाफिज को दोबारा नजरबंद या गिरफ्तार करने की पाकिस्तान की मंशा नजर नहीं आ रही है. लिहाजा अब वह पाकिस्तान में लगातार घूम रहा है. हाफिज सईद की रिहाई को इतना समय हो चुका है, लेकिन अभी तक पाकिस्तान सरकार ने उसको फिर से नजरबंद करने या हिरासत में लेने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. वहीं, हाफिज सईद पाकिस्तान की राजनीति में एंट्री करने के लिए बेताब है. लिहाजा उसने संयुक्त राष्ट्र में अपने नाम को वैश्विक आतंकियों की सूची से हटाने की याचिका दी है.
हालांकि कुख्यात आतंकी हाफिज सईद ने आतंकवाद की दुनिया जो बड़े-बड़े काले कारनामे किए हैं, वो उसकी इस पहचान को कभी मिटने नहीं देंगे. लिहाजा राजनीति में आने की उसकी ख्वाहिश हरगिज पूरी नहीं हो सकती. पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए महज एक साल का ही वक्त बचा है. इससे पहले हाफिज सईद ने संयुक्त राष्ट्र में याचिका दाखिल कर वैश्विक आतंकी की सूची से अपना नाम हटाने की भी मांग की है. इसके लिए उसने पहली बार एक कानूनी फर्म को हायर किया है.