चीन ने फिर निभाई आतंकी मसूद अजहर से दोस्ती, ग्लोबल बैन लगाने में डाला अड़ंगा

बीजिंग: चीन ने गुरुवार (2 नवंबर) को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की पहल को फिर बाधित (ब्लॉक) कर दिया. विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने यह जानकारी दी. बीजिंग द्वारा पिछले वर्ष इस संबंध में भारत के आवेदन को बाधित करने और तकनीकी रूप से रोकने के बाद अमेरिका ने इस वर्ष जनवरी में फ्रांस और ब्रिटेन के समर्थन से अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में नया प्रस्ताव पेश किया था. बीजिंग ने दोबारा इस मामले को अगस्त तक तकनीकी रूप से रोक दिया था और इसे आगे तीन महीनों तक के लिए बढ़ा दिया था. यह तकनीकी रोक आज (गुरुवार, 2 नवंबर) समाप्त हो गई थी.

अमेरिकी प्रस्ताव के चीन की ओर से ‘ना’ कहने का मतलब है कि इस संबंध में अब नया प्रस्ताव लाना पड़ेगा. चीन को छोड़कर, 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के सदस्य अजहर पर प्रतिबंद्ध लगाने के पक्ष में हैं. चीन सुरक्षा परिषद के पांच वीटो धारक देशों की शक्तिशाली जमात में शामिल है और प्रस्ताव पर इसका वोट निर्णायक होता है. बीजिंग इस्लामाबाद का सदाबहार दोस्त है और दृढ़ता से पाकिस्तान का पक्ष लेता है. जबकि भारत पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों को उसके देश में पनाह देने का आरोप लगाता है.

इसस पहले चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 समिति को अभी भी मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने पर आम सहमति बनानी है. हुआ के अनुसार, “प्रासंगिक देश के आवेदन को सूचीबद्ध करने को लेकर कई असहमतियां हैं. चीन ने इसे तकनीकी रूप से रोका है, ताकि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए और ज्यादा समय मिल सके. समिति को अभी भी आम सहमति तक पहुंचने में वक्त लगेगा.”

अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने का मामला भारत और चीन के बीच दुखती रग बन गया है. ब्रिक्स सम्मेलन में चीन संयुक्त बयान में अजहर के संगठन को शामिल करने के लिए सहमत हुआ था. यह पूछे जाने पर कि अजहर के विरुद्ध प्रस्ताव रोक कर चीन पाकिस्तान को बचाना चाहता है? हुआ ने कहा, “मैं यह समझ सकती हूं कि आपने यह प्रश्न क्यों किया है. लेकिन आप जो कह रहें हैं मैं उसकी तरफ नहीं हूं.”

उन्होंने कहा, “चीन हमेशा से सच्चाई और निष्पक्षता के सिद्धांत पर भरोसा करता है और हमने अपनी समझ के साथ इस मुद्दे पर न्याय किया है. पाकिस्तान भी आतंकवाद से पीड़ित देश है और हम आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई का समर्थन करते हैं.”

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