पाटीदारों को आरक्षण देने के हार्दिक के अल्टीमेटम पर यह रहा कांग्रेस का जवाब

नई दिल्ली: वराछा के जलक्रांति मैदान में 3 नवंबर को होने वाली कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सभा से पहले पार्टी ने अपना रुख साफ कर दिया है. गुजरात चुनाव में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से आरक्षण को लेकर 3 नवंबर तक स्थिति स्पष्ट करने का अल्टीमेटम दिया था. पटेल ने कहा था कि कांग्रेस पाटीदारों को संवैधानिक आरक्षण कैसे देगी? इसके बारे में विस्तार से बताए. इसी के मद्देनजर सोमवार को पाटीदार नेताओं ने अहमदाबाद में कांग्रेस नेताओं के साथ मीटिंग की. मीटिंग के बाद कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी. गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने बताया कि पाटीदार नेताओं ने अपनी बाते सामने रखी हैं. कांग्रेस आरक्षण लेकर कानूनी राय लेगी और उसी के अनुरूप आगे की रणनीति तय करेगी.

गौरतलब है कि कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग के वोटर में अपनी पैठ मजबूत करने के मकसद से हाल ही में ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर को शामिल किया था. कांग्रेस हार्दिक को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है, लेकिन ठाकोर का यह रुख रहा है कि ओबीसी के कोटे से छेड़छाड़ नहीं जा सकती. उधर, साल 1995 से गुजरात की सत्ता में मौजूद भाजपा हिंदुत्व और विकास के ईद-गिर्द अपने चुनाव प्रचार को आगे बढ़ा रही है. पाटीदार समुदाय को भाजपा को लंबे समय से समर्थन मिलता आया है और पार्टी के नेताओं का मानना है कि इस बार भी अधिकतर पाटीदार भाजपा का साथ देंगे.

उधर, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को ओबीसी कोटे तहत पाटीदारों को आरक्षण दिए जाने की मांग पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है. रुपानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पाटीदारों को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण देने के बारे में कभी वादा नहीं किया, लेकिन पटेल ने अपने समुदाय से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने को कहा. रुपानी ने कहा, “कांग्रेस नहीं, हार्दिक को अपना रुख स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि कांग्रेस का रुख पहले ही स्पष्ट है. हार्दिक का आंदोलन ओबीसी कोटे के बारे में है और कांग्रेस ने पहले ही कह दिया है कि वह पाटीदारों को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण नहीं दे सकती.”

गुजरात विधानसभा में कांग्रेस ने जाति के गठजोड़ के आधार पर भले ही भाजपा पर भारी पड़ने की उम्मीद लगाई हो, लेकिन भगवा पार्टी का कहना है कि कांग्रेस का यह कदम उसके लिए उल्टा पड़ने वाला है. विधानसभा चुनाव के प्रचार में शामिल भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस की रणनीति ओबीसी और पाटीदार को अपने साथ लाने की है, लेकिन उसकी यह कवायद विरोधाभासी है क्योंकि ये दोनों समुदाय हितों और महत्वाकांक्षाओं को लेकर एक दूसरे से स्पर्धा कर रहे हैं.

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