बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) का कहर जारी है, मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (दिमागी बुखार) के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. दिमागी बुखार के कारण मृतकों की संख्या 66 हो गई है. 55 की मौत श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई है, जबकि 11 की मौत केजरीवाल अस्पताल में हुई है. बता दें कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच है. इस बीमारी का शिकार आमतौर पर गरीब परिवार के बच्चे हो रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है.
बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) का कहर जारी है, मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. चमकी बुखार के मरने वालों की संख्या शनिवार सुबह तक बढ़कर 68 हो गई है. जिसमें 55 बच्चों की मौत श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई है, जबकि 11 की मौत केजरीवाल अस्पताल में हुई है.
बता दें कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच ज्यादा है. डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है.