बीएचयू तनाव: लाठीचार्ज मामले में बैकफुट पर प्रशासन, प्रो. रोयाना सिंह नई चीफ प्रॉक्टर

लखनऊ: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में गत शनिवार (23 सितंबर) रात छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले को लेकर बैकफुट पर आए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने प्रॉक्टोरियल बोर्ड का मुखिया बदल दिया है. बीएचयू की नई चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर रोयाना सिंह को बनाया गया है. बीएचयू के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि प्रो. रोयाना सिंह को नया चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है. इससे पूर्व बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर ओ. एन. सिंह ने बीएचयू में हुई हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए मंगलवार (26 सितंबर) देर रात इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे को कुलपति ने मंजूर कर लिया था.

शनिवार देर रात छेड़खानी के विरोध में धरने पर बैठी छात्राओं को हटाने के लिए वाराणसी पुलिस ने बल प्रयोग किया था. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने वाराणसी के कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी थी. कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव राजीव कुमार को भेज दी जिसमें उन्होंने इस घटना के लिए बीएचयू प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था. इससे पहले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रा के साथ कथित छेड़छाड़ और पुलिस के लाठीचार्ज की घटना के बाद मचे बवाल के बीच संस्थान के चीफ प्रॉक्टर प्रो. ओंकार नाथ सिंह ने घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए बुधवार (27 सितंबर) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक छात्रा ने छेड़छाड़ की शिकायत की थी. उसने आरोप लगाया था कि जब वह परिसर के भीतर ही अपने छात्रावास की ओर लौट रही थी तो मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने उसके साथ छेड़छाड़ की. बृहस्पतिवार (21 सितंबर) को हुई इस घटना के खिलाफ कुछ छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया. कुछ विद्यार्थियों ने कुलपति से उनके आवास पर मिलने की कोशिश की जिसके बाद हिंसा फैल गयी. स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया.

त्रिवेणी की छात्राओं से मिलें कुलपति
इससे पहले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छेड़खानी और छात्राओं पर हुए लाठी चार्ज की घटना के बाद कुलपति गिरिश चन्द्र त्रिपाठी ने बुधवार (27 सितंबर) की देर शाम त्रिवेणी छात्रावास की छात्राओं से मुलाकात की थी. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि कुलपति ने छात्राओं की समस्याएं सुनीं और प्राथमिकता के आधार पर उनके शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया. सिंह ने कहा कि कुलपति ने इस भेंट के दौरान छात्राओं को बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनके लिए कई सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से महिला प्राध्यापकों एवं विश्वविद्यालय के बाहर के सदस्यों वाली एक समिति गठित की गयी है जो समय-समय पर परिसर में आकर महिला छात्रावासों में रहने वालों की समस्याओं को सुनती है तथा उनके निस्तारण हेतु सिफारिश करती है.

उनके अनुसार, कुलपति ने कहा कि परिसर में सीसीटीवी कैमरे पहले से ही लगे हैं. उनकी गुणवत्ता सुधारने तथा अन्य स्थानों पर कैमरे लगाने का काम चल रहा है. कुलपति ने कहा, ‘‘चूंकि विश्वविद्यालय में सुरक्षा तंत्र में पूर्व सैनिकों को ही भर्ती करने का प्रावधान है, इसलिए हमारे पास महिला सुरक्षा कर्मी नहीं हैं. (क्योंकि) पहले सेना में महिलाएं नहीं होती थीं. लेकिन हम इसे जरूरी बदलाव कर महिला सुरक्षाकर्मियों को शामिल करने का काम कर रहे हैं.’’

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