वॉशिंगटन: अमेरिका सांसदों ने पेंटागन से कहा है कि वह भारत के साथ स्थायी रक्षा संबंध विकसित करने के लिये ‘‘अग्रोन्मुखी’’ रणनीति बनाये. संसद के नेतागण राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून (एनडीएए-2018) पर दोनों सदनों के बीच मतभेदों को दूर करने के लिये बैठक कर रहे थे. उन्होंने अमेरिका और भारत से अफगानिस्तान में और सहयोग के साथ काम करने को कहा. एनडीएए-2018 के नए संस्करण में रक्षा मंत्री को ‘‘मौजूदा उद्देश्यों और लक्ष्यों पर तैयार एक अग्रोन्मुखी रणनीति विकसित करने की जरूरत है, जिसमें भारत के साथ एक स्थायी रक्षा संबंध विकसित करने की परस्पर इच्छा पर जोर हो.’’
इसके मुताबिक अमेरिका और भारत को क्षेत्र में स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिये ‘‘अफगानिस्तान में मिलकर काम करना चाहिये’’ जिससे वहां लक्षित आधारभूत विकास और आर्थिक निवेश हो सके. पिछले एनडीएए-2017 में अमेरिकी संसद ने भारत को ‘‘एक प्रमुख रक्षा साझेदार’’ बताया था.
अपनी नवीनतम रिपोर्ट में गुरुवार (9 नवंबर) को संसदीय नेताओं ने कहा कि ‘प्रमुख रक्षा साझेदार’ का यह दर्जा खास भारत के लिये है और भारत तथा अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार और तकनीकी सहयोग को एक संस्थागत रूप देता है. यह इसे उस स्तर तक ले जाता है जो अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगियों के लिये है.
इसमें कहा गया, ‘‘इस दर्जे से भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त अभ्यास, रक्षा रणनीति और नीति समन्वय, सैन्य आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा.’’ एनडीएए-2018 के पुन: संकलित संस्करण को अब औपचारिक अनुमति के लिये दोनों सदनों में भेजा जायेगा और इसके बाद इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अंतिम हस्ताक्षर के बाद कानून बनाने के लिये व्हाइट हाउस भेजा जायेगा.
दूसरी चीजों के साथ इसमें विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और रक्षा मंत्री जिम मैटिस से अमेरिका और भारत के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिये रणनीति विकसित करने को कहा गया है.