काकामिगाहारा (जापान): पुरुष टीम के एशिया कप जीतने के दो सप्ताह बाद भारतीय महिला हॉकी टीम उनकी सफलता को दोहराने से एक कदम दूर खड़ी है. महिला एशिया कप में रविवार (5 नवंबर) को काकामिगहारा कावासाकी स्टेडियम में भारत खिताबी मुकाबले में चीन से भिड़ेगा. कप्तान रितू रानी की टीम ने अभी तक शानदार फॉर्म का परिचय दिया है. उसकी मौजूदा फॉर्म को देखते हुए वह जीत की प्रबल दावेदार लग रही है. कप्तान अपनी टीम की जीत को लेकर आश्वस्त हैं. मैच से पहले उन्होंने कहा, “पुरुष टीम की सफलता से हमें प्ररेणा मिली है. अब उस सफलता को दोहराने की हमारी बारी है. ड्रेसिंग रूम का माहौल शानदार है. हर कोई फाइनल के लिए पूरी तरह से उत्साहित और तैयार है.”
भारतीय टीम अभी तक इस टूर्नामेंट में अपराजित है. वह इस टूर्नामेंट में शुरुआती दौर में चीन को 4-1 से मात दे चुका है ऐसे में फाइनल में वह मानसिक बढ़त के साथ जाएगा. हालांकि पिछले साल एशिया चैम्पियंस ट्रॉफी में चीन ने भारत को 3-2 से मात दी थी. लेकिन फाइनल में भारत ने उसे 2-1 से हराते हुए शानदार वापसी की थी. इस टूर्नामेंट में भारत की जीत का श्रेय अग्रिम पंक्ति की सफलता को जाता है. भारत ने अभी तक इस टूर्नामेंट में 27 गोल किए हैं और उसकी ताकत पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करना रही है.
भारत के लिए गुरजीत कौर ने आठ गोल किए हैं. वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करने वाली खिलाड़ियो में तीसरे नंबर पर हैं. भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में केवल एक बार खिताबी जीत हासिल की है. उसने 2004 में अपनी मेजबानी में जापान को 1-0 से मात देकर खिताब अपने नाम किया था. भारतीय टीम ने चौथी बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है. 1999 में उसे अपनी मेजबानी में फाइनल में दक्षिण कोरिया के हाथों 2-3 की हार मिली थी. हालांकि, वह 2004 में इस खिताब को जीतने में कामयाब रहा.
साल 2009 में बैंकॉक में आयोजित हुए टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन चीन ने 5-3 से मात देकर उसके हाथों से खिताब छीन लिया. इस टूर्नामेंट को जीतने वाली टीम अगले साल इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई करेगी.