नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को फिलीपींस की राजधानी मनीला में भारतीय प्रवासियों से मुलाकात की. जहां उन्होंने सभी भारतीयों को संबोधित करते हुए देश के विकास और भारतीय संस्कृतियों से जु़ड़ी कई बातों पर अपने विचार रखें. उन्होंने कहा कि विश्वभर में लाखों भारतीय समुदाय के लोग मौजूद हैं. वर्षों से देशाटन करने की वृत्ति प्रवृति के रही है, लेकिन भारत की यह विशेषता रही हैं कि हम जहां गए जिससे मिले उसे अपना बना लिया.
पीएम मोदी ने भारतीय प्रवासियों से कहा कि हम भारतीयों के भीतर दृढ़ आत्मविश्वास होता है कि आप कहीं पर भी हों या कितने सालों या पीढ़ियों से बाहर होंगे, भले ही भारतीय भाषा नहीं आती हो, लेकिन यदि भारत में कुछ बुरा होता है तो आपको भी नींद नहीं आती होगी. और यदि कुछ अच्छा हुआ होगा तो आप भी फूले नहीं समाते. इसलिए वर्तमान सरकार का प्रयासरत है कि देश के विकास को इस ऊंचाईयां तक ले जाए कि विश्व की बराबरी कर लें और अगर हम भारतीय एक बार भी बराबरी कर लें तो मैं नहीं मानता कि दुनिया में भारत को पीछे कोई कर पाएगा.
मोदी ने संबोधन में यह भी कहा कि भारत के पास जो सांस्कृतिक विरासत है, किसी भी युग में इतिहास में एक भी घटना नजर नहीं आती होगी कि हमने किसी का बुरा किया होगा. जब मैं दुनिया के विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों से मिलता हूं तो यह बताता हूं कि प्रथम या द्वितीय विश्व युद्ध में न हमें जमीन चाहिए थी न ही हमें किसी देश पर कब्जा करना था, सिर्फ शांति के लिए डेढ़ लाख हिन्दुस्तानियों ने शहादत दे दी थी. हम लोग दुनिया को देने वाले लोग हैं, न लेने नहीं और छीनने वाले तो कतई नहीं.
उन्होंने आगे कहा कि आज विश्व में कोई भी हिन्दुस्तानी गर्व कर सकता है क्योंकि वर्तमान समय में कई देशों में अशांति पैदा हो गई है, लेकिन शांति बनाए रखने की ताकत (‘पीस कीपिंग फोर्सिंग’) सबसे ज्यादा हिन्दुस्तान के सिपाहियों में हैं. आज भी दुनिया के अनेक ऐसे अशांत इलाकों में भारत के जवान तैनात हैं.
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत बुद्ध और गांधी की धरती है. यहां शांति सिर्फ एक मात्र शब्द नहीं है बल्कि हम वो लोग हैं जिन्होंने करके दिखाया है. शांति हमारे रगों में हैं, तभी हम वसुधैव कुटुंबकम के नाम से प्रचलित हैं. उन्होंने कहा कि भारत से जहां तक सरकार का संबंध हैं तो अब सकारात्मक खबरें ही आती हैं. सारे फैसले विकास को ध्यान में रखकर ही ली जा रही है. अगर 30 करोड़ परिवार बैंकिंग व्यवस्था से बाहर हो तो देश की अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी. इसलिए सरकार ने जन-धन योजना की शुरुआत की. बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को ही आसियान समिट में हिस्सा लेने पहुंचे थे. यहां उन्होंने देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई देशों के प्रतिनिधियों से गाला डिनर के दौरान मुलाकात की.