स्पूफिंग से इंटरनेशल कॉल बन जाती है ‘लोकल’ और फिर चलता है कमाई का खेल

पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो इंटरनेट के अवैध रूप से टेलीफोन एक्सचेंज डवलप कर इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में डायवर्ट कर मुनाफा कमा रहा था। पुलिस ने इस मामले में तीन जनों को गिरफ्तार कर उनके पास से विभिन्न उपकरण भी जब्त​ किए है।
यह मामला राजस्थान के झुंझुनूं जिले में सामने आया है। राजस्थान के सीकर, चूरू, झुंझुनूं आदि जिलों से बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए विदेशों में है। इस अवैध एक्सचेंज का उपयोग आरोपी इन लोगों से बातचीत करने में कर रहे थे। इसके लिए ये लोग वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल तकनीक (वीओआईपी) स्पूफिंग का उपयोग कर रहे थे।

झुंझुनू एसपी मनीष अग्रवाल ने बताया कि इलाके में अवैध रूप से टेलीफोन एक्सचेंज सुविधा के चलने की शिकायत सामने आई थी। जहां इंटरनेशनल्स कॉल्स को स्थानीय फोन नंबरों पर डायवर्ट कर बात करवाई जाती थी। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि वीओआईपी प्लेटफॉर्म का उपयोग कर हर दिन बड़ी संख्या में कॉल की जाती है और इससे आरोपी मोटा मुनाफा कमाते है।

नवलगढ़ थानाप्रभारी बलराज सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मनोज, सुरेश कुमार और सुभाष ऊर्फ परवीन है। ये सभी नवलगढ़ के रहने वाले है। इन्हें बीती देर रात गिरफ्तार कर मास्टर सिम कार्ड मशीन, इंटरनेट राउटर, लैपटॉप और अन्य उपकरण जब्त किए गए है। पूछताछ में सामने आया कि ये मशीनें मुंबई से वसीम अहमद नाम के व्यक्ति से खरीदी गई थी।

इस आशंका को ध्यान में रखकर भी ​की जा रही पड़ताल

फेक कॉल. विशिंगPC: Demo pic
पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि इस तरह के अवैध एक्सचेंज का उपयोग कही देश विरोधी गतिविरोधियों में तो नहीं हो रहा है।

एसपी मनीष अग्रवाल ने बताया कि इस एक्सचेंज से होने वाली कॉल को वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल काल्स कहते हैं। स्पूफिंग के जरिए वीओआईपी कॉल को लोकल कॉल में तब्दील कर देते थे। इस तरीके से विदेश में बैठे किसी व्यक्ति की भारत में की गई इंटरनेट कॉल को सिम बाक्स के माध्यम से लोकल वाइस कॉल में बदलकर बात करवा देते हैं। भारतीय मोबाइल पर इंटरनेशनल फोन नंबर की जगह स्थानीय नम्बर दिखता है।

जानकारी के मुताबिक इससे पहले महाराष्ट्र के भिवड़ी में भी इसी तरह का फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा गया था। वह लोग भी इंटरनेशनल कॉल को भारतीय नम्बर में डायवर्ट कर बात करवाते थे। अंडरवल्र्ड के लोग इस भिवड़ी में चल रहे एक्सजेंच को काम में लेते थे।

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