नई दिल्ली: सरकार को अगर उपयुक्त खरीदार मिलता है तो एयर इंडिया को चालू वित्त वर्ष में बेच सकती है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उसने कहा कि सरकार को विनिवेश लक्ष्य भी पूरा होने की उम्मीद है क्योंकि कई कंपनियों का विनिवेश होना है. जीआईसी, न्यू इंडिया एश्योरेंस समेत विभिन्न कंपनियों के आईपीओ आने हैं. वहीं पवन हंस और एनपीसीआईएल में रणनीतिक विनिवेश से 72,500 करोड़ रुपये के महत्वकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी. वहीं एचपीसीएल और ओएनजीसी के विलय से भी सरकारी खजाना बढ़ेगा. इससे पहले, दिन में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली एक मंत्री स्तरीय समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश के मामले में प्रगति की समीक्षा की.
बैठक में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, नागर विमानन मंत्री अशोक गजपित राजू, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु, रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार और भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने भाग लिया. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 72,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा हैं.
गौरतलब है कि विमानन कंपनी की बाजार हिस्सेदारी सिर्फ 14 प्रतिशत रह गई है. इसका ऋण भार 50,000 करोड़ रुपए का है.