प्योंगयांग: उत्तर कोरिया 2018 में भी अपनी परमाणु शक्ति को विकसित करने का अभियान जारी रखेगा. सरकारी मीडिया ने शनिवार (30 दिसंबर) को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी. सीएनएन ने कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) की रिपोर्ट के हवाले से बताया, “उनकी नीति में किसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा ना करें.” रिपोर्ट में कहा गया, “एक अजेय शक्ति के रूप में उत्तरी कोरिया के अस्तित्व को ना ही कमजोर किया जा सकता है और ना ही नकारा जा सकता है. एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में उत्तर कोरिया सभी बाधाओं को पार करते हुए स्वतंत्रता और न्याय की राह पर चलेगा. रिपोर्ट में वर्ष 2017 के दौरान देश की परमाणु उपलब्धियों की भी जानकारी दी गई.
रिपोर्ट में कहा गया कि “जब तक अमेरिका और उसके अधीन शक्तियां परमाणु खतरा बनी रहती हैं तब तक उत्तर कोरिया आत्मरक्षा के लिए और हमले की संभावना के मद्देनजर अपनी परमाणु शक्तियों का विस्तार करता रहेगा.” रिपोर्ट में “अमेरिका के प्रमुख स्थानों” पर हमला करने की प्योंगयांग की नई क्षमताओं पर भी जोर डाला गया है. साथ ही इसमें उत्तर कोरिया को “विश्व स्तरीय परमाणु शक्ति” बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि उत्तर कोरिया अमेरिका की तरफ से युद्ध की क्रूरतम घोषणा का निश्चित रूप से जवाब देगा.
इससे पहले उत्तर कोरिया ने कहा था कि अमेरिका का यह सोचना भ्रम है कि वह परमाणु हथियार छोड़ देगा. उसने देश को निशाना बनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र के ताजा प्रतिबंधों को ‘युद्ध समान कृत्य’ बताते हुए कहा कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने बीते शुक्रवार (22 दिसंबर) को सर्वसम्मति से उत्तर कोरिया के खिलाफ नए कठोर प्रतिबंधों को मंजूरी दी थी. ये प्रतिबंध उत्तर कोरिया के हाल में एक बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण करने के मद्देनजर लगाए गए. इस मिसाइल के बारे में प्योंगयांग का कहना है कि यह अमेरिका में कहीं भी पहुंच सकता है.
इस प्रस्ताव को अमेरिका ने तैयार किया था और उत्तर कोरिया के करीबी सहयोगी चीन के साथ बातचीत की थी. उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने रविवार (24 दिसंबर) को एक वक्तव्य में कहा, ‘हम अमेरिका और उसके अनुयायियों के प्रतिबंध प्रस्ताव को हमारे गणराज्य की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन मानते हैं. यह युद्ध का कृत्य है जो कोरियाई प्रायद्वीप और क्षेत्र में शांति और स्थिरता का उल्लंघन करता है. हम इस प्रस्ताव को साफ तौर पर खारिज करते हैं.’ मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंध उत्तर कोरिया की ‘पूर्ण आर्थिक नाकेबंदी’ के समान है.
उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार वक्तव्य में कहा गया है, ‘अगर अमेरिका सुरक्षित रहना चाहता है तो उसे डीपीआरके (उत्तर कोरिया) के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति का हर हाल में त्याग करना चाहिये और देश के साथ रहना सीखना चाहिये. उसे इस भ्रम से बाहर आ जाना चाहिये कि हम अपना परमाणु हथियार छोड़ देंगे, जिसे हमने तमाम कठिनाइयों के बावजूद विकसित किया है.’