नई दिल्ली: वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्यूलर के बीच विलय सौदा अगले साल मार्च में पूरा होने की उम्मीद है. उस समय तक दोनों कंपनियों को सभी नियामकीय मंजूरी मिल जाने की संभावना है. मामले से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी. सूत्र ने बताया, ‘‘आइडिया और वोडाफोन के विलय को लेकर केवल दो मंजूरी बची है. इसे चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा होना चाहिए.’’ इस बारे में वोडाफोन और आइडिया को ई-मेल भेजे गये, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिये. दोनों कंपनियां मंजूरी को लेकर फिलहाल राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष हैं. उसके बाद उन्हें दूरसंचार विभाग से अंतिम मंजूरी लेनी है.
आइडिया सेल्यूलर शेयरधारकों और ऋणदाताओं के साथ 12 अक्तूबर को बैठक करेगी और वोडाफोन इंडिया के कारोबार में विलय को लेकर मंजूरी लेगी. गांधीनगर में होने वाली यह बैठक एनसीएलटी की अहमदाबाद पीठ के निर्देश पर बुलायी गयी है. उल्लेखनीय है कि इस वर्ष की शुरुआत में वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्यूलर ने अपने कारोबार के विलय पर सहमति जतायी थी. इसके साथ देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी अस्तित्व में आएगी जिसका मूल्य 23 अरब डॉलर से अधिक तथा बाजार हिस्सेदारी 35 प्रतिशत होगी.
रिलायंस और एयरसेल के बीच मोबाइल कारोबार का विलय सौदा रद्द
इससे पहले दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल ने मोबाइल कारोबार के विलय को लेकर समझौता रद्द कर दिया. रिलायंस कम्युनिकेशंस ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘आरकॉम और एयरसेल के मोबाइल कारोबार का विलय सौदा आपसी सहमति से निरस्त हो गया है.’’ दोनों दूरसंचार कंपनियों ने आर कॉम के मोबाइल कारोबार का एयरसेल के साथ विलय को लेकर सितंबर 2016 में बाध्यकारी समझौता किया था. अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी ने कहा कि कानूनी और नियामकीय अनिश्चितताएं तथा निहित स्वार्थ के तहत हस्तक्षेप से प्रस्तावित सौदे के लिये जरूरी मंजूरी प्राप्त करने में काफी देरी हुई.
कंपनी के अनुसार, ‘‘भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में काफी प्रतिस्पर्धा के साथ ताजा नीति संबंधी दिशानिर्देश से क्षेत्र के लिये बैंक वित्त पोषण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था. उक्त कारणों से विलय समझौता निरस्त हो गया है. निदेशक मंडल ने इसकी मंजूरी दे दी है.’’ आर कॉम इस सौदे के बाद कर्ज में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद कर रही थी.