लाहौर: मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद ने आतंकियों को चिन्हित करने वाली सूची से अपना नाम हटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में याचिका दाखिल की है. उसने दलील दी है कि उसके खिलाफ पाकिस्तानी अदालत में ना तो आतंकवाद ना कोई अन्य आरोप साबित हो पाया है. प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रमुख पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. पाकिस्तानी सरकार ने किसी भी अन्य मामले में उसकी हिरासत खत्म कर दी जिसके बाद शुक्रवार से वह आजाद है. वह इस साल जनवरी से नजरबंदी में था.
लाहौर की कानूनी कंपनी मिर्जा एंड मिर्जा लॉ एसोसिएट्स ने सईद की ओर से संयुक्त राष्ट्र में याचिका दायर की है. इस कंपनी के मालिक उच्चतम न्यायालय के वकील नवीद रसूल मिर्जा ने मंगलवार (28 नवंबर) को बताया उनकी कानूनी कंपनी ने हाल में संयुक्त राष्ट्र में याचिका दायर की थी.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी कानूनी कंपनी ने आतंकवादी चिन्हित करने वाली सूची से हाफिज सईद का नाम हटाने के लिए उसकी ओर से याचिका दायर की है. मेरा बेटा, इस कंपनी का निदेशक हैदर रसूल मामले पर गौर कर रहा है.’’ मुंबई में 2008 में आतंकी हमले का साजिशकर्ता सईद का नाम संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 के तहत आतंकी काली सूची में रखा था. मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हो गयी थी.
मामले में किसी प्रगति के बारे में पूछे जाने पर मिर्जा ने कहा, ‘‘हमने अभी याचिका दायर ही की है.’’ मिर्जा पंजाब सरकार के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल (1993-1996) और सरकार की भ्रष्टाचार रोधी संस्था राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (2000-03) के प्रोसिक्यूटर जनरल रहे हैं. पहली बार सईद ने अपने स्थायी वकील ए के डोगर की बजाए कानूनी कंपनी की सेवा ली है.
जमात-उद-दावा के एक पदाधिकारी ने बताया, ‘‘पाकिस्तान में जेयूडी प्रमुख के सभी मामले को डोगर देखते हैं. डोगर के साथ विमर्श के बाद संयुक्त राष्ट्र में मामले के लिए इस कंपनी को जिम्मेदारी दी गयी.’’ पदाधिकारी ने कहा कि सईद ने 2009 के बाद से विभिन्न अदालती फैसले के आधार पर संयुक्त राष्ट्र के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है जिसमें पाकिस्तानी अदालतों में आतंकवाद या अन्य मामले में आरोप साबित नहीं हो पाया है.