अमेरिका समेत संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी और प्रतिबंधों की धज्जियां उड़ाकर बार-बार मिसाइल दागने वाले उत्तर कोरिया से अब चीन भी खफा होने लगा है. उत्तर कोरिया की ओर से अमेरिका तक मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण पर चीन ने गंभीर चिंता जताई है. साथ ही उत्तर कोरिया से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव को बढ़ाने और उकसावे वाली कदमों को रोकने को कहा है.
चीन ने उत्तर कोरिया से यह भी कहा कि बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक के प्रयोग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का कड़ाई से पालन किया जाए. उत्तर कोरिया ने एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसकी अमेरिका तक मारक क्षमता है. उसका दावा है कि यह मिसाइल उत्तर कोरिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइल है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ‘‘चीन उत्तर कोरिया की इन परीक्षण गतिविधियों पर गंभीर चिंता जताता है और इसका विरोध करता है. चीन पुरजोर तरीके से उससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों का पालन करने और कोरिया प्रायद्वीप में तनाव बढ़ाने वाले कदम रोकने का अनुरोध करता है.’’ गेंग ने कहा कि उत्तर कोरिया को परमाणु कार्यक्रम जारी रखने को लेकर चीन के रुख की पूरी जानकारी है.
वहीं, उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण करने के फौरन बाद ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले पर अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष मून जे-इन और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ चर्चा की. उत्तर कोरिया ने लगभग ढाई महीने की खामोशी के बाद अपने सबसे ताकतवर हथियार अंतरद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल को जापान सागर में फायर किया है. माना जा रहा है कि अमेरिका और वैश्विक दबाव में चीन ने उत्तर कोरिया पर सख्ती दिखाई है.
मिसाइल परीक्षण के बाद व्हाइट हाउस के रूजवेल्ट रूम में संवाददाताओं के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा, ‘हम इसे संभाल लेंगे, हम इस हालात से निपट लेंगे’. दोनों नेताओं के साथ फोन पर हुई बातचीत के दौरान उन्होंने यह रेखांकित किया कि उत्तर कोरिया की उकसावे वाली ताजा कार्रवाई न सिर्फ अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है.
ट्रंप के लिए बड़ी चुनौती बना उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया का यह परीक्षण उसके खिलाफ ताजा प्रतिबंध लगाने और उसे आतंकवादियों को पालने वाला देश घोषित करने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. इस बैलिस्टिक मिसाइल के दायरे में वाशिंगटन समेत अमेरिका के पूर्वी समुद्रीय तट इलाके भी आते हैं. मिसाइल उत्तर कोरिया के सैन नि से प्रक्षेपित की गई और जापान के विशेष आर्थिक जोन क्षेत्र में जापान सागर में गिरने से पहले उसने करीब 1000 किलोमीटर की दूरी तय की.
अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने संवाददाताओं को बताया कि इस मिसाइल ने पिछली सभी मिसाइलों के मुकाबले ज्यादा ऊंचाई तक उड़ान भरी है. उन्होंने कहा, ‘उनके रिसर्च और विकास कार्यक्रमों के तहत, उसका प्रयास शायद ऐसी मिसाइल विकसित करने का है जो दुनिया के किसी भी कोने तक पहुंच सके. इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप दक्षिण कोरिया ने पानी में पिनप्वाइंट मिसाइलें दागी हैं, ताकि उत्तर कोरिया यह समझ सके कि वह हमारे सहयोगी के हमले की जद में है’. अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं.
आपात बैठक की मांग
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निकी हेली और जापान और दक्षिण कोरिया के उनके समकक्षों ने न्यूयॉर्क में एक आवाज में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् से आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया है. मीडिया के लिए जारी विज्ञप्ति के अनुसार, सुरक्षा परिषद् का सत्र 29 नवंबर को शाम साढ़े चार बजे होना तय है.