तिरुवनंतपुरम/कन्याकुमारी: केरल में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 19 हो गई. वहीं, राज्य के तट से दूर समुद्र में फंसे 600 से अधिक मछुआरों को बचा लिया गया. आधिकारिक सूत्रों ने (3 दिसंबर) को बताया कि बेहद गंभीर चक्रवातीय तूफान ‘ओखी’ का केंद्र पूर्व मध्य और दक्षिण पूर्व मध्य अरब सागर के पास रहा. छह और शवों को बरामद किये जाने के साथ ही केरल में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई. मरने वालों में 11 लोग तिरुवनंतपुरम के तटीय क्षेत्रों से हैं. शनिवार (2 दिसंबर) को छह शव बरामद किये गए थे, जिसके साथ ही मरने वालों की संख्या सात से बढ़कर 13 हो गई थी.
मौसम विभाग (आईएमडी) की एक बुलेटिन में कहा गया कि ‘ओखी’ पिछले छह घंटों में 12 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिमोत्तर दिशा में बढ़ गया है और अमीन दीवी से तकरीबन 440 किलोमीटर पश्चिम-पश्चिमोत्तर में, मुंबई से 870 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और सूरत से 1070 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है. बुलेटिन में कहा गया कि इसके उत्तर-पश्चिमोत्तर दिशा में कुछ और समय के लिये आगे बढ़ने की संभावना है और उसके बाद अगले 72 घंटों में दक्षिण गुजरात तट की तरफ बढ़ने की संभावना है.
सूत्रों के अनुसार नौसेना, तटरक्षक बल और वायु सेना के संयुक्त अभियान में 690 मछुआरों को बचाया गया है. उन्होंने बताया कि 96 मछुआरे अब भी लापता हैं. उन्होंने बताया कि 63 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं और 74 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. कुल 6581 लोगों को राज्य में विभिन्न राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है. मौसम कार्यालय ने कहा कि तमिलनाडु में फिर से बारिश आने की संभावना है क्योंकि दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है और अगले 24 घंटे में इसके अवदाब और अगले 48 घंटे में गहरे अवदाब में तब्दील होने की संभावना है.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु और केरल में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तलाश एवं बचाव अभियानों की समीक्षा की. सीतारमण ने बताया कि चक्रवात ओखी के कारण समुद्र में फंसे तमिलनाडु के 71 मछुआरों समेत कुल 357 मछुआरों को बचा लिया गया है. सीतारमण के आधिकारिक टि्वटर हैंडल पर डाली गई एक तस्वीर में उन्हें हेलिकॉप्टर से तमिलनाडु के कन्याकुमारी में तलाश एवं बचाव अभियान की समीक्षा करते दिखाया गया है.
उन्होंने अपने आधिकारिक टि्वटर हैंडल पर लिखा, ‘‘चक्रवात ओखी से प्रभावित मछुआरों की जान को बचाने के लिये भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल और वायु सेना द्वारा किये जा रहे तलाश एवं बचाव प्रयासों पर अपडेट : सुबह 10 बजे तक 357 मछुआरों को बचाया जा चुका है.’’ केरल में तिरुवनंतपुरम से हेलिकॉप्टर द्वारा, चक्रवात से सर्वाधिक बुरी तरह प्रभावित कन्याकुमारी जिले में पहुंचने के बाद सीतारमण ने उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, मंत्रियों और अधिकारियों के साथ चर्चा की.
कन्याकुमारी से एक रिपोर्ट में कहा गया कि उन्होंने जिले में कुछ चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. रक्षा मंत्री ने अधिकारियों को केंद्र की तरफ से पूरी मदद का आश्वासन दिया और लोगों के कष्ट को कम करने के लिये अधिकारियों से कदम उठाने को कहा. उन्होंने लोगों की शिकायतें भी सुनीं. मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कोयंबटूर में कहा कि मछुआरों को बचाने का प्रयास जोर-शोर से चल रहा है. वायु सेना, नौसेना और तटरक्षक बल ने विमान और जहाज तैनात किये हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अम्मा की (दिवंगत जयललिता की) सरकार सभी फंसे हुए मछुआरों को बचाएगी.’’ उन्होंने बताया कि चक्रवात प्रभावित कन्याकुमारी जिले में एक या दो दिन में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह बहाल हो जाएगी.
कन्याकुमारी में पनीरसेल्वम ने अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की और चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित कई क्षेत्रों का निरीक्षण किया. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्नमथानम के साथ तिरुवनंतपुरम में ओखी के बाद की स्थिति का आकलन करने और राहत एवं बचाव अभियानों का आकलन करने के लिये उच्चस्तरीय बैठक की. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि तलाश अभियान तब तक चलता रहेगा जब तक कि सभी मछुआरों को बचा नहीं लिया जाता.
सूत्रों ने बताया कि सीतारमण सोमवार (4 दिसंबर) को तिरुवनंतपुरम में कुछ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी. विजयन ने रविवार (3 दिसंबर) शाम तिरुवनंतपुरम के निकट विझिंजम का दौरा किया, जहां से कई मछुआरे लापता हो गए थे. मछुआरों के परिवार से बातचीत में विजयन ने कहा कि सरकार ने मछुआरा समुदाय की चिंताओं को साझा किया है.