गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल द्वारा एक 7 साल की बच्ची के डेंगू के इलाज में 16 लाख रुपये का बिल वसूले जाने पर मचे बवाल के बाद केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है. खास बात यह है कि दो हफ्ते के इलाज में मां-बाप से 16 लाख रुपये वसूलने के बाद भी फोर्टिस अस्पताल बच्ची की जान नहीं बचा सका. इस मामले पर जब लोगों का गुस्सा बढ़ा और सोशल मीडिया पर यह मामला बेहद चर्चा में आ गया, तब केंद्र सरकार ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि यह बेहद गंभीर मामला है और इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
केंद्र सरकार इस मामले में फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हरियाणा सरकार को भी लिखेगी. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि हम इस मामले में राज्य सरकारों के साथ जल्दी एक बैठक करने जा रहे हैं, जिसमें इस बात पर चर्चा होगी कि अस्पतालों के ऐसे अमानवीय हरकतों से किस तरह से निपटा जाए.
उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों के लिए क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट बना हुआ है, लेकिन लगातार अलग-अलग जगहों से इस तरह की शिकायतें मिलती रहती हैं कि प्राइवेट अस्पताल मरीजों के साथ मनमानी करते हैं और कई बार अमानवीय व्यवहार भी करते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों से कहेगी कि क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के प्रावधानों का कड़ाई से पालन हो और अगर जरूरत हो तो इसमें बदलाव करने के लिए भी केंद्र सरकार तैयार है.
गुरुग्राम फोर्टिस अस्पताल द्वारा किए गए लूट के बारे में अश्विनी चौबे ने कहा कि निश्चित तौर पर यह बेहद गंभीर मामला है जिसमें मानवता का ध्यान नहीं रखा गया है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों से इस पूरे मामले की जांच करने को कहा गया है और जांच पूरी होने पर हम इसमें कठोर कार्रवाई करेंगे.
उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल सबके लिए एथिक्स है जिसका पालन सबको करना चाहिए. स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम फोर्टिस की घटना बेहद ही निंदनीय है और कार्रवाई करने से पहले हम जांच की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.
उधर इस मामले पर सफाई देते हुए फोर्टिस अस्पताल ने एक बयान जारी करके कहा की आद्या नाम की इस बच्ची के इलाज में कोई गलती नहीं हुई.