गृहमंत्री ने जोशीमठ, रक्षामंत्री ने सियाचिन में जवानों के साथ मनाया दशहरा

गोपेश्वर/लेह: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड की अपनी चार दिवसीय यात्रा के तीसरे दिन भारत-चीन सीमा से लगी रिमखिम चौकी, जोशीमठ और औली में तैनात जवानों के साथ दशहरा मनाया. गृहमंत्री ने आईटीबीपी के जोशीमठ कैंप में शस्त्र पूजा भी की. वहीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सियाचिन और लद्दाख के अग्रिम स्थानों पर सैनिकों के साथ दशहरा का त्योहार मनाया.

राजनाथ जवानों से मिले गृहमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ गृह मंत्री ने बाराहोटी के निकट रिमखिम में तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की पहली बटालियन के सदस्यों के साथ संवाद किया. इस जगह पर पूर्व में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने कथित तौर पर अतिक्रमण किया था. गृहमंत्री ने कहा कि वह दशहरा के मौके पर लंबे समय से सैनिकों से मिलना चाह रहे थे क्योंकि उन्हें अपना त्यौहार घर पर मनाने का मौका नहीं मिल पाता है.

ऊंचाई वाले क्षेत्र में प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के बावजूद बहादुरी से अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए आईटीबीपी सैनिकों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा में सीमा की हिफाजत के साथ ही प्राकृतिक आपदा की घड़ी में लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने और आतंरिक सुरक्षा के खतरों से निपटने में वे सभी बहु आयामी भूमिका निभाते हैं.

रक्षा मंत्री ने सियाचिन में सैनिकों के साथ दशहरा मनाया
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सियाचिन और लद्दाख के अग्रिम स्थानों पर सैनिकों के साथ दशहरा का त्योहार मनाया. उन्होंने सैनिकों को इस बात से अवगत कराया कि सरकार हर परिस्थिति में उनका समर्थन करती है. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और लेह को कराकोरम से जोड़ने वाले एक पुल का उद्घाटन किया. यह पुल सामरिक रूप से महत्वपूर्ण दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी परिक्षेत्र में सैन्य परिवहन के लिए कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा.

पीएम और सरकार सैनिकों के साथ
जवानों की सराहना करते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा करने वाले सैनिकों के साथ हैं. सैनिकों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘मैं आपका आश्वस्त करती हूं कि सरकार सभी वक्त और परिस्थितियों में आपके साथ है. हम आपकी जरूरतों और मांगों के साथ-साथ आपके परिवार के प्रति भी संवेदनशील हैं.’’ उन्होंने 2014 में सियाचिन में प्रधानमंत्री की दिवाली का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार उन स्थितियों को जानना चाहती
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘अलग-अलग तरह के मौसम वाले राज्यों से जवान यहां आते हैं और इतनी ऊंची और दुर्गम जगहों पर राष्ट्र की सेवा करते हैं. यह सराहनीय है.’’ जम्मू-कश्मीर की दो दिन की यात्रा पर आयीं रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हम जवानों के साथ वक्त बिताने के लिए कटिबद्ध हैं और उनके लिए जो भी संभव होगा करेंगे.’’ वह सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी अंबु और जीओसी 14 कोर के लेफ्टिनेंट जनरल एस के उपाध्याय के साथ यात्रा पर हैं.

रक्षा मंत्री ने प्रथम-श्योक पुल का उद्घाटन किया. श्योक गांग नदी पर किया गया यह प्रथम प्रमुख निर्माण कार्य है. सीमा सड़क संगठन :बीआरओ: के अधिकारियों एवं कर्मियों को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि इतनी ऊंचाई पर पुलों और सड़कों का निर्माण किसी चमत्कार से कम नहीं है.

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