अहमदाबाद/कोच्चि: दक्षिण तट पर तबाही मचाने के बाद चक्रवात ओखी के मंगलवार (5 दिसंबर) को तूफानी हवाओं के साथ मध्यरात्रि में तटीय गुजरात पहुंचने की आशंका है. इससे राज्य में अगले दो दिन में कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा, ‘‘गंभीर चक्रवातीय तूफान ओखी अब सूरत से तकरीबन 850 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है और इसके गहरे अवदाब (डीप डिप्रेशन) के तौर पर पांच दिसंबर की मध्य रात्रि तक दक्षिण गुजरात और सूरत के निकट उत्तरी महाराष्ट्र के आस-पास के क्षेत्रों को पार करने की संभावना है.’’ मौसम विभाग के पूर्वानुमान जताने के बाद गुजरात के मुख्य सचिव जे एन सिंह ने किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिये प्रशासनिक तैयारियों का जायजा लिया.
राजस्व विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि राज्य के तटीय क्षेत्र में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी एहतियाती कदम उठाएं. सूरत, नवसारी और राजकोट में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को तैनात किया गया है. अधिकारी ने कहा कि सेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को चक्रवात के आगमन के मद्देनजर सतर्क कर दिया गया है.
कुमार ने कहा, ‘‘आईएमडी के अनुमान के अनुसार चक्रवात ओखी 5 दिसंबर मध्यरात्रि तक दक्षिण गुजरात पहुंचेगा. यह (दक्षिण गुजरात में) उमरगाम से (सौराष्ट्र में) गिर सोमनाथ जिले तक तटीय क्षेत्रों पर प्रभाव डालेगा.’’ कुमार ने कहा, ‘‘हमने स्थानीय नगर निकाय अधिकारियों के साथ-साथ जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तैयार रहें और लोगों की सुरक्षा के लिये सभी जरूरी कदम उठाएं.’’ प्रधान सचिव ने कहा कि तटीय जिले के जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि मछुआरे समुद्र में नहीं उतरें क्योंकि यह अशांत रहेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘जो मछुआरे पहले ही समुद्र में उतरे हुए हैं उन्हें अब लौट जाना चाहिये. ऐसे कई मछुआरे पहले ही तट की ओर लौट रहे हैं.’’ कुमार ने बताया कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार चक्रवात जब यहां पहुंचेगा तो हवा की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटा से 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहेगी. खराब मौसम के मद्देनजर खंभात की खाड़ी में घोघा और दाहेज के बीच रोरो फेरी सेवा को निलंबित कर दिया गया है. इस सेवा का हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था और अगर मौसम सही रहा तो छह दिसंबर को सेवा बहाल होगी. मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिन में गुजरात में बारिश होने का अनुमान है.
मौसम विभाग ने कहा, ‘‘वलसाड, सूरत, नवसारी, भरुच, डांग, तापी, अमरेली, गिर सोमनाथ और भावनगर जिलों में पांच दिसंबर को भारी बारिश हो सकती है.’’ बंदरगाह चेतावनी में मौसम केंद्र ने कहा, ‘‘समुद्र अशांत रहेगा. मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे छह दिसंबर तक समुद्र में नहीं उतरें. सभी बंदरगाहों पर दूरस्थ चेतावनी संकेत संख्या दो फहराएं.’’ एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने तैयारियों का जायजा लेने के लिये वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान, उन्हें जानकारी दी गई कि चक्रवात की वजह से केरल से 50 नौकाएं गुजरात के वेरावल तट की ओर बह गई हैं.
‘केन्द्र ने चक्रवात प्रभावित लक्षद्वीप को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया’
वहीं दूसरी ओर केन्द्र सरकार ने चक्रवात से जूझ रहे लक्षद्वीप को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. लक्षद्वीप में तूफान से किसी की जान नहीं गई है लेकिन कुछ द्वीपों पर संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है. फेसबुक पोस्ट पर लक्षद्वीप के प्रशासक फारूक खान ने कहा कि ईश्वर की कृपा से, किसी की जान नहीं गई, लेकिन कुछ द्वीपों पर संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि सभी द्वीपों के लोगों ने साहस का परिचय देते हुए तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के 250 से अधिक मछुआरों को बचाया.
केन्द्र और उनके प्रशासन की ओर से द्वीपों के सभी लोगों को संकट के समय में ‘निस्वार्थ कार्य के लिए’ धन्यवाद देते हुए खान ने कहा कि अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से राहत एवं पुनर्वास कार्य शुरू कर दिये और संबंधित अधिकारियों से तेज गति से जानकारियां एकत्रित की जा रही हैं. प्रशासक ने कहा कि राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है.प्रधानमंत्री कार्यालय और गृहमंत्री कार्यालय निरंतर संपर्क में है और उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.