चक्रवात ‘ओखी’: मुम्बई में बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज

मुम्बई/चेन्नई: महाराष्ट्र सरकार ने चक्रवात ओखी के मद्देनजर मौसम खराब रहने के अनुमान के कारण मंगलवार (5 दिसंबर) को मुम्बई और उसके आसपास के जिलों में विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छुट्टी घोषित कर दी है. भारतीय मौसम विभाग के मुम्बई कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस चक्रवात के प्रभाव से शहर में बारिया शुरु हो गयी है. बृहन्मुम्बई महानगरपालिका की आपदा प्रबंधन इकाई ने चक्रवात के कारण सोमवार (4 दिसंबर) रात और मंगलवार (5 दिसंबर) सुबह समुद्र में ऊंची लहरें उठने के अलर्ट के मद्देनजर तट पर नहीं जाने का परामर्श जारी किया है.

शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने ट्वीट किया, ‘‘चक्रवात ओखी के कारण मौसम खराब रहने की आशंका के मद्देनजर मुम्बई महानगर क्षेत्र, सिंधुदुर्ग, ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिलों में एहतियात के तौर पर विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में मंगलवार (5 दिसंबर) की छुट्टी घोषित की गयी है.’’ मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार उत्तरी कोंकण और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र में भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की गयी है. अधिकारी ने कहा, ‘‘चक्रवात का केंद्र मुम्बई से करीब 600 किलोमीटर दूर है लेकिन बादल का दायरा तटीय क्षेत्रों में फैल गया है. अतएव मुम्बई में हल्की वर्षा शुरु हो गयी है. ’’ उन्होंने बताया कि चक्रवात के महाराष्ट्र पहुंचने पर बादल घने हो जाएंगे एवं अगले दो दिनों में 50-60 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलेंगी.

तमिलनाडु के ढाई हजार से अधिक मछुआरों को बचाया गया
वहीं दूसरी ओर चक्रवात ओखी के कारण समुद्र के बीच में फंसे तमिलनाडु के कुल 2,604 मछुआरों को बचाया गया. बचाए गए मछुआरों में से 220 कन्याकुमारी से हैं. मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने सोमवार (4 दिसंबर) को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से 2,570 मछुआरे 284 नौकाओं में सवार होकर समुद्र में उतरे थे. इसमें से 205 नावों में सवार 2,384 मछुआरों को बचा लिया गया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि कन्याकुमारी से समुद्र में गए 294 मछुआरों में से 220 को बचा लिया गया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में पलानीस्वामी के हवाले से बताया गया कि मछुआरों को बचा लिए जाने संबंधी जानकारी उनके परिजनों को दी जा रही है.

मुख्यमंत्री ने राहत कार्य तेज करने के लिए पुलिस अधिकारियों समेत सरकार के शीर्ष अधिकारियों को कन्याकुमारी भेजा है. उन्हें आदेश दिया गया है कि वह कन्याकुमारी जिले में क्षति का आकलन पूरा करें और 11 दिसंबर से पहले इसकी रिपोर्ट पेश करें. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के विभिन्नों हिस्सों से आने वाले बाकी के 186 मछुआरों, उनकी 79 नौकाओं और कन्याकुमारी के 74 मछुआरों को बचाने के प्रयास जारी रहेंगे और इसमें नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल जुटे रहेंगे.

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