साल 1920 के आस-पास जब महात्मा गांधी का प्रभाव भारत के कोने-कोने में फैल रहा था, चीन के कई लोग प्रेरणा के लिए उनकी ओर देख रहे थे.
वो पूछ रहे थे, क्या सत्याग्रह और अहिंसा का पालन करने से उनके देश का भला होगा?
उन दिनों भारत में जहां ब्रितानी हुकूमत थी, चीन में ब्रिटेन, अमरीका, फ्रांस जैसी विदेश ताकतों का ज़ोर था. साथ ही चीन में विभिन्न गुटों में लड़ाई के कारण गृह युद्ध जैसी स्थिति थी.
महात्मा गांधी कभी चीन नहीं गए, लेकिन चीन और महात्मा गांधी विषय पर काम करने वाले साउथ चाइना नॉर्मल यूनिवर्सिटी प्रोफ़ेसर शांग छुआनयू के मुताबिक चीन में महात्मा गांधी पर करीब 800 किताबें लिखी गई हैं.
पूरे चीन में गांधी की एकमात्र मूर्ति राजधानी बीज़िंग के छाओयांग पार्क में है जहां सामने एक मानवनिर्मित तालाब है और वो मारकेज़, इग्नेसी जान पेडेरेव्स्की और ह्रिस्टो बोटेव जैसी शख़्सियतों से घिरे हैं.