कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्तता देने की मांग उठाई, जिसकी भाजपा ने कड़ी आलोचना की है. गुजरात के राजकोट में चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘कश्मीर घाटी में अनुच्छेद 370 का अक्षरश: सम्मान करने की मांग की जाती है, जिसका मतलब है कि वे अधिक स्वायत्तता चाहते हैं.’ चिदंबरम ने कहा कि अधिक स्वायत्तता के सवाल पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और इस पर गौर करना चाहिए कि किन क्षेत्रों में स्वायत्तता दी जा सकती है. उन्होंने कहा, ‘उसकी स्वायत्तता पूरी तरह से भारत के संविधान के अंतर्गत है. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा रहेगा, लेकिन उसे अधिक शक्तियां देनी चाहिए जिसका अनुच्छेद 370 के तहत वादा किया गया था.’ चिदंबरम ने जुलाई, 2016 में भी जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्तता देने की हिमायत की थी. कांग्रेस ने चिदंबरम के ताजा बयान से खुद को अलग करते हुए कहा कि यह जरूरी नहीं है कि किसी व्यक्ति का विचार पार्टी की राय भी हो.
इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर कहा, ‘पी. चिदंबरम का अलगाववादियों और ‘आजादी’ का समर्थन करना हैरान करने वाला है. हालांकि मैं आश्चर्यचकित नहीं हूं क्योंकि उनके नेता ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ नारे का समर्थन करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि चिदंबरम ने सरदार पटेल के जन्म स्थल गुजरात में यह बोला, जिन्होंने भारत की एकता एवं खुशहाली के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.’ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और उन्होंने कहा कि चिदंबरम का बयान भारत के राष्ट्रीय हित को ‘नुकसान’ पहुंचाता है जो एक गंभीर मुद्दा है. उन्होंने मुंबई में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के एक प्रतिष्ठित नेता की ओर से आया यह बयान पार्टी का अधिकारिक बयान है या नहीं? मुझे लगता है कि पार्टी को तुरंत यह स्पष्ट करना चाहिए.’
इसके बाद कांग्रेस ने चिदंबरम के बयान से खुद को अलग करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति की राय जरूरी नहीं कि वह पार्टी की राय हो. कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा यह निर्विवाद रूप से बना रहेगा.