जस्टिस इंदिरा बनर्जी सुप्रीम कोर्ट में, पहली बार तीन महिला जज

लंबे इंतज़ार के बाद मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत में तीन नए जजों की एंट्री हो गई. जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस इंदिरा बनर्जी अब सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा हैं. सुप्रीम कोर्ट आज को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह का सर्क्युलर जारी कर चुका है. इसमें भी इंदिरा बनर्जी का नाम पहले है, उनके बाद विनीत सरन और के एम जोसफ का. यानी एक तरह से सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की तरफ से भेजे गए वरिष्ठता क्रम को स्वीकार कर लिया है.

नई दिल्ली: उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में बतौर जस्टिस नियुक्ति को लेकर महीनों से जारी रहे विवाद पर आज हमेशा के लिए विराम लग जाएगा. जस्टिस जोसफ आज सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस की शपथ लेंगे. सरकार और कॉलेजियम के बीच लंबे चले विवाद के बाद ही जोसेफ की नियुक्ति पर मुहर लग सकी. हालांकि, उनकी नियुक्ति को लेकर नया विवाद ये है कि है कि केंद्र सरकार ने पदोन्नति में उनकी वरिष्ठता को कम कर दिया है.

जजों की नियुक्ति के दौरान लगभग लंबे समय तक जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति का मामला सुर्खियों में बना रहा लेकिन इनके बीच एक नाम और है जो भारतीय न्यायव्यवस्था के इतिहास में दर्ज हो गया. यह नाम है जस्टिस इंदिरा बनर्जी का.

देश के इतिहास में ये पहला मौक़ा है जब सुप्रीम कोर्ट में तीन-तीन महिला जज एक साथ हैं. जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी.

पिछले शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मद्रास हाई कोर्ट की चीफ़ जस्टिस इंदिरा बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई.

 

सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत तीन न्यायाधीशों – जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस के एम जोसफ का शपथग्रहण वरिष्ठता क्रम के मुताबिक होगा.

केंद्र ने हालांकि अपनी तरफ से कहा कि उसने पूरी तरह से समय की कसौटी पर खरे उतरे हाईकोर्ट की वरिष्ठता सूची के सिद्धांत का पालन किया. यह विवाद पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिये जारी अधिसूचना के साथ सामने आया जिसमें जस्टिस के एम जोसफ का नाम तीसरे स्थान पर था.

कॉलेजियम के सदस्यों समेत जस्टिस एम बी लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसफ और जस्टिस ए के सीकरी ने जस्टिस केएम जोसफ की वरिष्ठता के मुद्दे पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इन जस्टिस का मत था कि इस मामले पर साथ बैठकर विचार करने की जरूरत है.

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