नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि पूरी दुनिया नेतृत्व के लिए भारत की ओर देख रही है, इसलिए सभी लोगों को देश को ऐसा समर्थ बनाना होगा, ताकि देश पूरी दुनिया को सेवाएं दे सके । आरक्षण को लेकर देश में चल रही बहस के बीच भागवत ने कहा कि सैंवधानिक रूप से दिए आरक्षण की व्यवस्था जारी रहनी चाहिए । संविधान में जो प्रावधान है, वे विषमता मिलने तक जारी रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवस्था से समता नहीं आ सकती,व्यवस्था बदलेगी तो समाज आएगी। जातिवाद को देश का दुर्भाग्य बताते हुए भागवत ने कहा कि इसको समूल नष्ट होना चाहिए। जातिप्रथा देश का दुर्भाग्य है, इसका समूल नष्ट होना चाहिए। एक विशेष वर्ग पिछड़ गया, इस वर्ग को सैंवधानिक समानता तब तक मिले जब तक उन्हे सही जगह नहीं मिल जाती। इस वर्ग के लिए आरक्षण जारी रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केवल व्यवस्था बदलने से ही समरसता नहीं आ सकती,बल्कि स्वतंत्रता,समरसता और बंधुत्व जरूरी है । भागवत ने रविवार को जयपुर में संघ के कार्यक्रम “स्वर गोविंदम 2017″और सेवा भारती के नए भवन का लोकार्पण करने के बाद संबोधित करते हुए कहा कि किसी एक व्यक्ति को देश की उन्नति का ठेका नहीं दिया जा सकता,सम्पूर्ण सहयोग जरूरी है। भागवत ने कहा कि सकबा भला करते हुए जीवन जीवन जीने की पद्धति ही हिन्दू शब्द है । यह हमारी पहचान है, हिन्दू शब्द सबको समेटने और साथ लाने वाला है। हिन्दू शब्द किसी का अस्तित्व समाप्त करने में विश्वास नहीं करता। हिन्दू नाम से पहचाने जाना वाला एक देश अखंड भारत है।
उन्होंने स्वर गोविंदम कार्यक्रम की महत्ता बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में 1200बंधु वाघ यंत्र लेकर उपस्थित है । संघ के प्रत्येक कार्यक्रम में मनुष्य के शरीर एवं बुद्धि पर परिणाम इस कार्यक्रम में होना आवश्यक होता है । भारत की साफ्ट पावर का एक घटक भारतीय शास्त्रीय संगीत को माना जाता है। इसकी विशेषता स्वरों की नहीं है,हमें उसके स्वर का उपयोग सत्य और करूणा की ओर ले जाता है। उन्होंने लोगों से सेवा के कार्य में जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि सेवा के कार्य और बढ़ने चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य सेवा ही संघ का उदेश्य है। इस मैके पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सेवा का काम ढींढोरा पीटकर नहीं किया जा सकता और सेवा भारती ने यही सिद्धांत अपनाया है। उन्होंने कहा कि सेवा भारती समाज निर्माण का काम कर रही है, आज समाज में समरसता का अभाव होने लगा है ऐसे में सेवा भारती द्वारा समाज निर्माण का काम हाथ में लिया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश में पहला ऐसा राज्य है जिसने धरोहर प्रौन्नत प्राधिकरण का गठन कर प्राचीन मंदिरों और स्मारकों का संरक्षण का काम सौंपा है । प्रदेश में 600 करोड़ रूपयों से मंदिर और धरोहर के संरक्षण का काम चल रहा है,साथ ही महापुरूषों,लोकदेवताओं के पैनोरमा बनाए जा रहे हैं । दोनों ही कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अल्फांस
कन्नथानम, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, संघ के क्षेत्रीय प्रचारक दुर्गादास,राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी,उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी,शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी,संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़,सांसद रामचरण बोहरा भी मौजूद थे ।
विरांगनाओं का सम्मान किया
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्वर गोविंदम कार्यक्रम के दौरान शहीदों की विरांगनाओं मैरी कुट्टी थामस, सुमित्रा देवी,कांता यादव,लक्ष्मी देवी,निशा लाल,संपत कंवर को शॉल भेंटकर सम्मानित किया । उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने एक लाख परिवारों को आमंत्रित किया था,काफी बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए।