लोकसभा में नए ट्रिपल तलाक बिल के समर्थन में 186 वोट, विरोध में 74 वोट पड़े
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि इस बिल से महिलाओं की जिंदगी नहीं बदलेगी.
नई दिल्लीः लोकसभा में शुक्रवार को नए केंद्रीय कानून मंत्री रविशकंर प्रसाद ने नया ट्रिपल तलाक बिल पर पेश किया. इस बिल का कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया. लेकिन विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा में इस बिल पर वोटिंग हुई. रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘सायरा बानों के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना की ट्रिपल तलाक़ एकपक्षीय है. Art 15(3) कहता है कि महिला और बच्चों के लिए कोई भी कानून बनाया जा सकता है. आज 70 साल तक ऐसा कानून क्यों नहीं बना. आज भी मुस्लिम महिलाओं के साथ ऐसा हो रहा है. 229 मामले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आये है. इसीलिए इसे पास किया जाए.’
वोटिंग के बाद इस बिल के समर्थन में कुल 186 वोट पड़े वहीं इस बिल के विरोध में 74 वोट पड़े. रविशंकर प्रसाद ने बिल को पेश करते हुए कहा, ‘हम संसद हैं कानून बनाना हमारा काम है. अदालत का काम है कानून को इन्टरप्रेट करना.संसद को अदालत मत बनाइये.’
इससे पहले इस बिल को लेकर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि ये बिल मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है, जब पुरुष जेल जायेंगे तो उनको गुजारा भत्ता कौन देगा? ओवैसी ने कहा कि आपको मुस्लिम महिलाओं से इतना प्रेम है तो सबरीमाला मे महिलाओं के विरोध मे क्यों है? ये किस तरह का रवैया है आपका? ओवैसी ने कहा कि यह बिल संविधान के आर्टिकल 14,15 का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि यह संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि इस बिल से महिलाओं की जिंदगी नहीं बदलेगी.
जेडीयू की भी सरकार से अलग राय
वहीं केंद्र की बीजपी सरकार की सहयोगी जेडीयू ने भी इस मसले पर अपनी अलग राय रखी है. जेडीयू महासचिव केसी त्यागी का कहना है कि एनडीए में ट्रिपल तलाक़ बिल के बारे में कभी कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि यह नाज़ुक मसला है लिहाज़ा इसमें सभी पक्षों से बात कर आम सहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए. त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी मौजूदा स्वरुप में तीन तलाक़ बिल का समर्थन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने लॉ कमीशन को इस बारे में बताया था.