नई दिल्ली: विश्व बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना ने शिक्षा प्रणाली में मिले-जुले नतीजे दिखाए हैं, हालांकि इसका (डीबीटी) गरीबी स्तर और पोषण पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. विश्व बैंक के निदेशक (भारत) जुनैद कमाल अहमद ने कहा कि डीबीटी योजना का गरीबी स्तर, अभिगम और पोषण पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अब तक इसके (डीबीटी) मिश्रित परिणाम देखने को मिले हैं.
अहमद ने वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्कूलों में डीबीटी योजना को व्यापक सुधार कार्यक्रम का एक हिस्सा बनाने की वकालत की है.
सेंट्रल फॉर सिविल सोसाइटी (सीसीएस) द्वारा शिक्षा में डीबीटी विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हए जुनैद अहमद ने कहा, “डीबीटी को विद्यालय व्यवस्था में एक व्यापक सुधार कार्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए.” अहमद ने कहा कि विशिष्ट पहचान पत्रों, वित्तीय प्रणालियों, वित्तीय हस्तांतरण और पंजीकरण की प्रक्रियाओं को राज्यों की क्षमता में निवेश के जरिए एकसाथ लाया जाए ताकि प्रत्येक सेवाओं में डीबीटी योजना लागू की जा सके.