नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार स्थिति का जायजा लेने और लोगों से संपर्क बढ़ाने के लिए मोदी सरकार अपने 36 मंत्रियों को इस हफ्ते घाटी भेज रही है। मंत्रियों का एक हफ्ते का दौरा 18 जनवरी से शुरू होगा। कश्मीर घाटी में सिर्फ पांच मंत्री जी किशन रेड्डी, रविशंकर प्रसाद, श्रीपद नाइक, निरंजन ज्योति और रमेश पोखरियाल लोगों को संबोधित करेंगे, वहीं शेष मंत्री जम्मू के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे। पिछले साल 5 अगस्त को विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से सरकार कश्मीर में स्थिति सामान्य करने में जुटी है। 15 जनवरी से ही यहां आंशिक रूप से इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवा बहाल की गई थी।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने 14 जनवरी को गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी को पत्र में कहा, “अमित शाह जी की इच्छा है कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य इस यात्रा का भुगतान करेंगे। इस दौरे का मकसद राज्य के लोगों को अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों के बारे में बताना है।” रेड्डी 22 जनवरी को गांदरबल की यात्रा करेंगे और अगले दिन मणिगम जाएंगे। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद 24 जनवरी को बारामूला जाएंगे। पोखरियाल, नाइक और निरंजन ज्योति श्रीनगर में लोगों से बातचीत करेंगे।
सभी मंत्री कश्मीर के 59 स्थानों पर लोगों से बातचीत करेंगे
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी 19 जनवरी को कटरा और रियासी जिले के पंथल इलाके जाएंगी। जनरल वीके सिंह 20 जनवरी को उधमपुर के टिकरी जाएंगे। खेल मंत्री किरण रिजिजू जम्मू के सुचेतगढ़ जाएंगे। सभी मंत्रियों को मेल के माध्यम से विकास संबंधी गतिविधियों के बारे में बताया गया है और उन्हें राज्य के मुख्य सचिव को अपने कार्यक्रम के बारे में सूचित करने के लिए कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों के 59 स्थानों पर जाने का कार्यक्रम है जिसमें जम्मू के 51 जगहों और शेष 8 स्थान कश्मीर में हैं। सूत्रों ने कहा कि यह लोगों से सीधे बातचीत करने के लिए सरकार के आउटरीच कार्यक्रम का हिस्सा है।
कांग्रेस ने विपक्षी दलों को कश्मीर से दूर रखने का आरोप लगाया
सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वह विपक्षी दलों के नेताओं को कश्मीर जाने की अनुमति क्यों नहीं देना चाहती। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, “मोदी सरकार अपने तूफानी कामों को गिनाने के लिए 36 मंत्रियों को 18 से 23 जनवरी तक कश्मीर भेज रही है। यदि यह सही है तो विपक्ष को कश्मीर से अलग क्यों रखा जा रहा है।