पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की बैठक में भी नहीं आए थे.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है. पीएम मोदी ने उन सभी दलों के प्रमुखों को बैठक के लिए आमंत्रित किया है जिनके लोकसभा या राज्यसभा में सदस्य हैं. बैठक दोपहर 3 बजे संसद भवन परिसर में शुरु होगी. इस बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर विचार किया जाएगा.
साथ ही 2022 में आजादी के 75वें वर्ष के जश्न, महात्मा गांधी के इस साल 150वीं जयंती वर्ष को मनाने समेत कई मामलों पर चर्चा की जाएगी. इसके बाद 20 जून को सभी सांसद रात्रिभोज के समय बैठक करेंगे.
दिलचस्प है कि इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) शामिल नहीं होंगे. केसीआर की जगह उनके बेटे और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव शामिल होंगे. ममता बनर्जी की तरफ से कोई प्रतिनिधि बैठक में नहीं होगा. ध्यान रहे कि पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में भी दोनों मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे थे. ममता बनर्जी पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुई थी.
कांग्रेस आज लेगी फैसला
कांग्रेस और उसके सहयोगी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विषय पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में अपने रुख को लेकर आज सुबह फैसला करेंगे. कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के घटक दलों की बैठक हुई, हालांकि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विषय पर कोई फैसला नहीं हुआ.
बैठक के बाद इस बारे में पूछे जाने पर सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘आप को इस पर बुधवार को बताया जाएगा.’’ सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और सहयोगी दल आज सुबह संसद भवन में मुलाकात बैठक करेंगे जिसमें यह फैसला होगा कि प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक में उनका क्या रुख रहेगा. वैसे, कांग्रेस एवं कई विपक्षी दल एक साथ चुनाव के विचार का पहले से विरोध करते रहे हैं.
ममता बनर्जी ने दी ये दलील
बैठक में शामिल नहीं होने के बनर्जी के निर्णय को राजनीतिक गलियारों में पश्चिम बंगाल में तृणमूल और भाजपा के बीच बढ़े तनाव का नतीजा समझा जा रहा है. पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि बनर्जी संसदीय चुनाव में मिली हार से अभी उबर नहीं पाई हैं और केंद्र या भाजपा द्वारा बुलाई गई किसी भी बैठक में शामिल नहीं होने के लिए बहाने बना रही हैं.