बेहद चर्चित रहे आरुषी मर्डर केस में तलवार दंपति का केस लड़ने वाले प्रख्यात वकील तनवीर अहमद मीर रेयान मर्डर केस में CBI द्वारा प्रद्युम्न हत्याकांड में आरोपी बनाए गए नाबालिग छात्र की तरफ से पैरवी कर सकते हैं. तनवीर अहमद ने खुद आजतक से इसकी पुष्टि की है.
उन्होंने कहा, “मैंने आरोपी नाबालिग के परिवार वालों से शुरुआती बातचीत की है. पूरी संभावना है कि मैं उनका केस लड़ूं.” उन्होंने बताया कि आरोपी किशोर के पिता ने अपने एक मित्र के जरिए उनसे संपर्क किया. उल्लेखनीय है कि किशोर के पिता खुद भी वकील हैं और गुड़गांव कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं.
आरोपी छात्र के पिता ने अपने बेटे का केस स्वीकार करने के लिए तनवीर अहमद का आभार व्यक्त किया. उन्होंने आजतक से कहा, “मैं तनवीर अहमद का शुक्रगुजार हूं. उम्मीद है वह मेरे बेटे को न्याय दिलाएंगे.”
वहीं तनवीर अहमद ने कहा कि इस मामले में क्या होगा, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि CBI को अभी उचित अदालत में अपना केस रखना है. आरोपी के खिलाफ सुनवाई वयस्क के तौर पर करने की प्रद्युम्न के परिजनों की मांग पर उन्होंने कहा, “हम पहले नए संशोधित कानून के तहत दलील रखेंगे कि आरोपी के खिलाफ सुनवाई बतौर किशोर हो या वयस्क?”
हालांकि CBI के सूत्रों का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आरोपी का वकील कौन है. CBI के एक सूत्र ने कहा, “किसी भी वकील की सेवाएं हासिल करना आरोपी का अधिकार है. हमें अपनी जांच पर पूरा भरोसा है.
तनवीर अहमद का कहना है कि CBI द्वारा हत्या के पीछे परीक्षा और पैरेंट्स-टीचर मीटिंग टालने की मंशा जताना कॉमनसेंस के उलट है. उन्होंने कहा, “CBI के सबूत CCTV फुटेज पर आधारित हैं, लेकिन CCTV फुटेज में तो कई लोग दिख रहे हैं. अंततः आरोप साबित करने के लिए ठोस सबूत चाहिए होंगे. वे इसका क्या जवाब देंगे कि जब बस कंडक्टर और आरोपी छात्र दोनों शौचालय में मौजूद थे, तो अपराध के समय उनमें से कोई भी चीखा क्यों नहीं?”
तनवीर अहमद ने यह भी कहा कि ऐसा लग रहा है कि CBI इस बार भी आरुषी केस में की गई गलती ही दोहरा रही है. उन्होंने कहा, “किसी को जमानत मिलने का यह मतलब नहीं है कि उसे दोषमुक्त कर दिया गया और किसी को गिरफ्तार करने का यह मतलब नहीं है कि वह दोषी ही है. गुरुग्राम पुलिस की जांच पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता. CBI ने इस मामले में पहले एक थ्योरी गढ़ी, फिर दी गई थ्योरी को सही साबित करने के लिए सबूतों को तोड़-मरोड़ रही है.”
दिल्ली से सटे गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले सात वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर की इसी वर्ष 8 सितंबर को स्कूल परिसर के अंदर गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. गुरुग्राम पुलिस ने शुरुआत में स्कूल के ही एक बस कंडक्टर अशोक कुमार को हत्या का मुख्य आरोपी ठहराया था. लेकिन CBI के जांच हाथ में लेते ही मामले में नया मोड़ आ गया.
CBI ने मामले में नया खुलासा करते हुए रेयान स्कूल में ही 11वीं के एक छात्र को मुख्य हत्यारोपी बनाया है. आरोपी बस कंडक्टर को 21 नवंबर को कोर्ट ने जमानत दे दी और पूरे 76 दिन हिरासत में रहने के बाद अशोक जमानत पर रिहा हो घर लौट आया. अशोक ने गुरुग्राम पुलिस पर जबरन जुर्म कुबूल करवाने का आरोप भी लगाया है और कहा है कि ऐसा करने के लिए उसे टॉर्चर किया गया.