नई दिल्ली. भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा 20 जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे। वे इस पद के लिए नामांकन भरेंगे। उनके खिलाफ कोई दावेदार नहीं है। आम सहमति से इस पद के लिए उन्हें चुना जाएगा। नड्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। नड्डा को 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी थी। वहां भाजपा ने 80 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी समेत समस्त भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री, राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा के नाम का प्रस्ताव रखेंगे। नामांकन की समय सीमा खत्म होने के साथ ही 20 जनवरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में जेपी नड्डा के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। परंपरा के मुताबिक, भाजपा में अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से किया जाता है। हालांकि, अध्यक्ष के नाम की घोषणा को लेकर पूरी चुनाव प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
भाजपा ने अहम पदाधिकारियों को दिल्ली बुलाया
भाजपा ने सभी प्रदेश अध्यक्षों, संगठन महामंत्रियों और राज्यों में कोर ग्रुप सदस्यों को 20 जनवरी को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पहुंचने का निर्देश दिया है। वहीं, पिछले कुछ दिनों में भाजपा के संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रियाओं से जुड़े कार्यों में तेजी आई है। चुनाव प्रभारी राधामोहन सिंह की टीम मतदाता सूची भी तैयार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, अध्यक्ष के चुनाव की तैयारियां शुक्रवार तक पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। चुनाव प्रभारी उसी दिन अध्यक्ष के चुनाव की तारीख घोषित कर सकते हैं। नड्डा के अध्यक्ष बनने के बाद, पार्टी में सचिव और उपाध्यक्ष के पदों पर भी बदलाव होगा। हालांकि, महासचिव स्तर पर बदलाव की संभावना कम है।
समय सारणी
नामांकन पत्र भरने का समय- 10 बजे से 12.30 बजे तक
नामांकन पत्रों की जांच- 12.30 बजे से 1.30 बजे तक
नाम वापसी- 1.30 बजे से 2.30 बजे तक
यदि चुनाव जरूरी हुआ तो 21 जनवरी को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक मतदान होगा।
नड्डा फिलहाल राज्यसभा सांसद और संसदीय बोर्ड के सचिव
जेपी नड्डा राज्यसभा से सांसद हैं। वे भाजपा के संसदीय बोर्ड के सचिव भी हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद जून 2019 में नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। उसके बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर वे अमित शाह के उत्तराधिकारी बन सकते हैं।