मोदी कैबिनेट ने बुधवार को महिला सशक्तिकरण के मिशन के तहत कई प्रोग्राम को मंजूरी देने के साथ ही एक नई योजना को भी मंजूरी दी है. ‘महिला शक्ति केंद्र’ नाम की इस योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जाएगा.
वित्त मामलों की कैबिनेट समिति ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कई अहम फैसले लिए. इसमें महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन को मंजूरी दी गई. इस मिशन को 2017-18 से 2019-20 के लिए मंजूरी दी गई है. वहीं, दूसरी योजना महिला शक्ति केंद्र भी शुरू की गई है.
बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ स्कीम का दायरा बढ़ाने को भी मंजूरी दी गई है. 161 जिलों में इस स्कीम को मिली कामयाबी के बाद यह फैसला लिया गया है. इन योजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2017-18 और 2019-20 के लिए वित्तीय सहयोग 3,636.85 करोड़ रुपये रखा गया है. इसमें केंद्र की भागीदारी 3,084.96 करोड़ रुपये की है.
महिला शक्ति केंद्र
नई योजना महिला शक्ति केंद्र अलग-अलग स्तर पर काम करेगी. इसके तहत केंद्रीय स्तर पर नॉलेज सपोर्ट और राज्य स्तर पर महिलाओं को संसाधन सहयोग मुहैया किया जाएगा. इसके तहत राज्य सरकार, जिले और ब्लॉक स्तर पर भी महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर महिला शक्ति केंद्र को सहयोग दिया जाएगा.
किया जाएगा जागरूक
महिला शक्ति केंद्र को दूरदूराज के इलाकों में बढ़ावा देने के लिए छात्रों को भी इससे जोड़ा जाएगा. ब्लॉक स्तर पर होने वाली यह गतिविधि देश के 115 से ज्यादा दूरदराज के जिलो में आयोजित की जाएगी. छात्र इस स्कीम के बारे में जागरूकता फैलाने में स्वयंसेवी के तौर पर जुड़कर अहम भूमिका निभाएंगे.
3 लाख छात्र जुड़ेंगे
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का बढ़ेगा दायरा
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का दायरा भी बढ़ाया जाएगा. इसके लिए 640 जिलो में मीडिया कैंपेंन चलाए जाएंगे. इसके अलावा 405 से ज्यादा जिलों में अलग-अलग सेक्टर के हिसाब से इसका दायरा बढ़ाने पर काम होगा.
खोले जाएंगे 190 होस्टल
कामकाजी महिलाओं को जरूरी सहयोग मुहैया करने के लिए 190 से ज्यादा कामकाजी महिलाओं के होस्टेल खोले जाएंगे. इन होस्टल में 19 हजार से ज्यादा महिलाएं रह सकेंगी. इसके अलावा कई और सुधार गृह भी बनाए जाने को मंजूरी दी गई है. इन सुधार गृहों में 26000 लाभार्थिंयों को फायदा मिलेगा.
खुलेंगे वन स्टॉप सेंटर
हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के लिए ‘वन स्टॉप सेंटर्स’ भी खोले जाएंगे. 150 से भी ज्यादा जिलों में इनकी स्थापना की जाएगी. इन केंद्रों को महिला हेल्पलाइन के साथ जोड़ा जाएगा और ये 24 घंटे आपातकालीन सेवा मुहैया कराएंगे. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की तरफ से महिला पुलिस स्वयंसेवियों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी. इसके अलावा सभी स्कीम के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए एक टास्क फोर्स भी बनाई जाएगी, जो इन सभी स्कीम्स पर नजर बनाए रखेगी.