रूस ने भारत के साथ पुराने संबंध का हवाला देते हुए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के दावाों को खारिज करते हुए कहा है वह भारत सरीखे मित्र देश के हितों के खिलाफ ऐसा कोई काम नहीं कर सकता.
रूस द्वारा मीडिया के माध्यम से भारत और ब्राजील जैसे देशों के चुनाव में हस्तक्षेप करने संबंधी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सोशल मीडिया विशेषज्ञों का अमेरिकी सांसदों के सामने किए गए दावे को रूस ने खारिज करते हुए कहा है कि यह रूस के ब्रिक्स सहयोगियों में अविश्वास पैदा करने की साजिश है.
रूस के भारतीय दूतावास द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि रूस ने कभी किसी देश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप नहीं किया है. क्योकि यह हमारी विदेश नीति के मूलभूत सिधांत के खिलाफ है.
दूतावास का कहना है कि यह दावा हाल में जोहान्सबर्ग में सफल ब्रिक्स सम्मेलन के बाद रूस के ब्रिक्स सहयोगियों में अविश्वास पैदा करने के उद्देश्य से किया गया है.
रूसी दूतावास का कहना है कि रूस का भारत के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ता जगजाहिर है और रूस ऐसा काम कभी नहीं करेगा जिससे भारत जैसे मित्र देश के हित और मर्यादा के खिलाफ हो.
बता दें कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट एंड बेलियोल कॉलेज में प्राध्यापक फिलिप एन. होवर्ड ने सोशल मीडिया मंच पर विदेशी प्रभाव के मामलों पर अमेरिकी सीनेट की खुफिया कमेटी की सुनवाई में यह दावा किया था कि भारत और ब्राजील सरीखे देशों के चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए रूस वहां के मीडिया को निशाना बना सकता है. क्योकि यहां की मीडिया अमेरिका की तरह पेशेवर नहीं है.
होवर्ड का दावा था कि दुनिया में सबसे ज्यादा पेशेवर मीडिया अमेरिका में हैं. उन्होंने कहा था कि हमारे लोकतांत्रिक सहयोगी देशों में अधिक चिंताएं हो सकती हैं. रूस अमेरिका को निशाना बनाने से आगे बढ़ते हुए ब्राजील, भारत जैसे अन्य लोकतंत्रों को निशाना बना सकता है, जहां अगले कुछ वर्षों में चुनाव होने वाले हैं.
गौरतलब है कि जनवरी 2017 के आंकलन में शीर्ष अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंची थीं कि रूस ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया था.