मुंबई भगदड़ में मृतकों की संख्या 23 हुई, रेल मंत्री गोयल ने सुरक्षा उपायों का वादा किया

मुंबई: केईएम अस्पताल में गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति की मौत के साथ ही यहां दो रेलवे स्टेशनों को जोड़ने वाले एक फुट ओवर ब्रिज पर भगदड़ में मरने वालों की संख्या 23 हो गयी. हादसे से सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंताओं के बीच रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सुरक्षा मुद्दे के समाधान और तत्काल उपायों के लिए रेलवे अधिकारियों के पूरे बोर्ड की बैठक बुलायी. अस्पताल के डीन अविनाश सूपे ने बताया कि मृतक की पहचान सत्येंद्र कुमार कनौजिया के तौर पर हुई है. उनकी उम्र 45-50 के बीच थी. डीन ने बताया, ‘‘अस्पताल में भर्ती कराए जाने के तुरंत बाद मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया था. हमने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन अंदरूनी चोटों की वजह से उनकी मौत हो गई.’’ उन्होंने कहा कि शव को औपचारिक प्रक्रिया के बाद परिजनों के हवाले किया जाएगा. सूपे ने बताया कि अस्पताल में 38 घायल लोगों को भर्ती कराया गया था.

एलफिन्सटन रोड और परेल उपनगर स्टेशनों को जोड़ने वाले ओवरब्रिज पर शुक्रवार सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर हादसा हुआ था. भारी बारिश के कारण वहां पर लोगों की काफी भीड़ जमा हो गयी थी. शीर्ष अधिकारियों के साथ शुक्रवार के बाद से लगातार बैठक कर रहे गोयल ने ट्वीट में घोषणा की कि रेलवे के काम में फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) को जरूरी पहलू माना जाएगा. पहले इसे महज सुविधा के तौर पर देखा जाता था.

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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम 150 साल पुरानी परंपरा को सिरे से बदल रहे हैं. एफओबी (फुट ओवर ब्रिज) को यात्री सुविधा नहीं बल्कि जरूरी माना जाएगा.’’ परियोजनाओं की तामील में देरी और लालफीताशाही रोकने के लिए उन्होंने कहा कि रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति कार्यों पर खर्च करने की जिम्मेदारी दी गयी थी.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नौकरशाही और विलंब को समाप्त करने के लिए सुरक्षा जो भी जरूरी हो उस पर खर्च के लिए मैंने जीएम को अधिकार प्रदान किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एफओबी पर कार्य को युद्ध स्तर पर पूरा किया जाएगा. जिन स्टेशनों पर यात्रियों का भार अधिक है वहां अतिरिक्त एफओबी की योजना बनायी जाएगी.’’

इसबीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि अगर इतनी बड़ी संख्या में दूसरे प्रांतों के लोग मुंबई आते रहे तो शहर में ऐसी भगदड़ होती रहेगी. उन्होंने इसके साथ ही चेतावनी दी कि जब तक स्थानीय रेलवे का बुनियादी ढांचा नहीं सुधरता, ‘‘मुंबई में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए एक भी ईंट नहीं लगानी दी जाएगी.’’ पूर्व में कई बार दूसरे प्रांतों के मुंबई आने वाले लोगों के खिलाफ बयानबाजी कर चुके मनसे नेता ने यहां के दादर इलाके में स्थित अपने घर कृष्ण कुंज में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘दूसरे इलाकों से आने वाले प्रवासियों की भारी भीड़ के कारण बुनियादी ढांचा संबंधी सुविधाएं चरमराती रही हैं.’’

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ठाकरे ने कहा कि वह यहां के सर जे जे कॉलेज में कला की पढ़ाई के दौरान दो साल तक मुंबई उपनगरीय ट्रेन सेवा में सफर कर चुके हैं और ‘‘आप जिसे मुंबई की जिजीविषा बताते हैं, जो उसे इस तरह की त्रासदियों से उबारती है, वह असल में इस तरह की आपदाओं के कारण उपजने वाली हताशा है.’’

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भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने मुंबई से अहमदाबाद के लिए महत्वाकांक्षी बुलेट परियोजना पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जब आप स्थानीय यात्रियों को बुनियादी आधारभूत संरचना मुहैया नहीं करा पाए तो बुलेट ट्रेन का क्या इस्तेमाल होगा?’’ केईएम अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि 17 शवों को उनके परिवारवालों को सौंप दिया गया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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