पेट्रोल-डीजल पर भले ही केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाकर राहत देने की कोशिश की है, लेकिन ये राहत भी अब बेअसर साबित होती नजर आ रही है. सोमवार को मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 76 रुपये पर पहुंच गया है. वहीं, डीजल 60.78 रुपये पर है. फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे.
62 डॉलर प्रति बैरल पहुंची कच्चे तेल की कीमत
दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. कच्चे तेल की कीमतें 2015 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं. फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 62 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है. पिछले एक हफ्ते में इसकी कीमतों में तीन फीसदी से ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है.
ऐसे आम लोगों पर पड़ेगा असर
कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रही इस बढ़ोत्तरी का असर आम लोगों पर पड़ सकता है. जिस तेजी से कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है. इससे तेल कंपनियों की लागत बढ़ी है. तेल कंपनियों पर बढ़ रहे इस भार को कंपनियां आम आदमी पर डाल सकती हैं और इससे पेट्रोल व डीजल की कीमतों में इजाफा हो सकता है.
ये फैक्टर हैं जिम्मेदार
विशेषज्ञों की मानें तो कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रहे इस इजाफे के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार हैं. इसमें सऊदी अरब में राजकुमारों के खिलाफ हुई कार्रवाई को भी जिम्मेदार माना जा रहा है.
जीएसटी एकमात्र रास्ता
कीमतें बढ़ने से एकबार फिर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने की मांग उठ सकती है. पिछले दिनों ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान समेत महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस भी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने की मांग कर चुके हैं.
कच्चे तेल की कीमतों का कम होगा दबाव
अगर पेट्रोल और डीजल जीएसटी के तहत आ जाएंगे, तो उनकी कीमत मौजूदा कीमतों से सीधे आधी हो जाएंगी. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में बदलाव होने पर भी आम आदमी की जेब पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा.