नई दिल्ली: वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (3 नवंबर) को ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की विश्व बैंक की रैंकिंग में भारत की स्थिति बेहतर होने का हवाला देते हुए कहा कि अब भारत में व्यापार करना आसान हो गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पुराने नियमों को निरस्त कर दिया है और आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहनों को शुरू किया है, जिससे अनुपालन आवश्यकताएं सरल और आसान हो गई हैं. इससे भारत को विश्व बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में शीर्ष 100 देशों के क्लब में शामिल होने में सफलता मिली है. भारत ने तीस अंकों की छलांग लगाई है. इस साल किसी भी देश की रैंकिंग एक साथ तीस अंक ऊपर नहीं गई है. 2014 में व्यापार करने में आसानी के मामले में भारत 142वें नंबर पर था, आज सौवें नंबर पर है.
वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 का उद्घाटन करते हुए मोदी ने भारत को ‘दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था’ करार देते हुए कहा कि यह वैश्विक व्यवसायों के लिए देश में निवेश करने का उपयुक्त समय है. मोदी ने कहा, “भारत में नया कारोबार शुरू करना अब पहले से ज्यादा आसान हो गया है. विभिन्न एजेंसियों से मंजूरी मिलने की प्रक्रिया सरल हो गई है. पुराने कानून निरस्त कर दिए गए हैं और अनुपालन का बोझ घटा दिया गया है.”
मोदी ने भारत के खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश आमंत्रित किया, जिसमें 100 फीसदी विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई है. मोदी ने कहा, “आइए, भारत में निवेश कीजिए. इस स्थान पर खेत से लेकर उपभोक्ता की थाली तक, असीमित संभावनाएं है. यह उत्पादन, प्रसंस्करण और समृद्धि की जगह है, भारत के लिए और दुनिया के लिए.” मोदी ने कहा कि भारत ने निवेशकों के लिए कई आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहनों के साथ एकल खिड़की मंजूरी की पेशकश की है.
खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस क्षेत्र की क्षमता के बारे में कहा कि देश में केवल 10 फीसदी खाद्य उत्पादों को ही प्रसंस्कृत किया जाता है, जिसके कारण काफी ज्यादा बरबादी होती है. उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र में स्वचालित रूट के माध्यम से 100 फीसदी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की अनुमति दी गई है और पिछले एक साल में निवेश में 40 फीसदी की तेजी देखी गई है.” उन्होंने कहा, “इसके अलावा खाद्य प्रसंस्करण बैंक के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है.”