रविशंकर प्रसाद ने कहा, डीबीटी के जरिए 58000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत

नई दिल्ली: सरकार ने विभिन्न सब्सिडी कार्यक्रमों में लाभान्वितों को पैसा सीधे उनके खाते में डालने की योजना के जरिए अब तक 58,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है. सरकार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए लाभान्वितों को पैसा सीधे उनके बैंक खातों में डालती है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार (28 सितंबर) को यहां एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार गरीब व वंचित लोगों को लाभान्वित करने हेतु बदलावों के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है.

मंत्री ने कहा,‘‘हमने गरीबों व वंचितों के लिए जनधन खाते खोले. हमने उन्हें आधार व मोबाइल फोन से जोड़ा तथा गैस सब्सिडी, राशन सब्सिडी, केरोसीन सब्सिडी व खाद्य सब्सिडी सीधे उनके बैंक खातों में डालनी शुरू की. हमने 58000 करोड़ रुपये की बचत की है जो कि बिचौलियों की जेब में जाते थे.’’ उन्होंने कहा कि 58000 करोड़ रुपये की यह राशि किसी का निजी धन नहीं है बल्कि करदाताओं से मिला धन है जिसकी बचत की जानी चाहिए और डिजिटल गवर्नेंस से यह हो रहा है.

डीबीटी पहल की सफलता का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकार ने अब तक तीन करोड़ फर्जी गैस कनेक्शनों का खुलासा किया है और इसी तरह 2.7 करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द किए गए हैं. उन्होंने कह कि डिजिटल क्रांति के समय हमने खुद के लिए जो विचार रखा वह यह था कि हम ऐसी प्रौद्योगिकी बनाना चाहते हैं जो कि समावेशी हो, किफायती हो और ऐसी हो जिस पर​ निर्भर रहा जा सके.

प्रसाद ने कहा कि विभिन्न योजनाओं व सेवाओं को सम्बद्ध करने का फायदा गरीबों व वंचितों को हुआ है. मंत्री ने पुष्टि की कि ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से जोड़ने के लिए हाल ही में चर्चा हुई थी. उन्होंने कहा, हम मोटर वाहन ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था अगले 5-7 साल में 1000 अरब डॉलर की होगी. आलोचनाओं का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा-जो आलोचना करते हैं वो आलोचना करते रहें. हम अपना काम करते रहें.

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