‘राजीव गांधी के चीन दौरे से रिश्तों में जमी बर्फ पिघली’

बीजिंग: चीन के एक पूर्व राजनयिक ने कहा है कि वर्ष 1988 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के चीन दौरे से दोनों देशों के संबंधों में गर्मजोशी आई. इस दौरे ने दोनों देशों के बीच संबंधों की बहाली और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. दिल्ली में चीन के दूतावास में काउंसलर के पद पर काम कर चुके ज़ेंग शियांग ने एक लेख में लिखा है कि वर्ष 1987 में भारत में चीन के राजदूत ली लियानकिंग और राजीव के बीच मुलाकात से द्विपक्षीय संबंधों में जमी बर्फ पिघली, जिसके बाद राजीव बीजिंग दौरे पर आए. यह 34 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यहां का पहला दौरा था.

ज़ेंग ने राजीव गांधी की चीन यात्रा के घटनाक्रम और तंग श्याओपिंग सहित चीन के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी बंद कमरे में हुई बैठकों के बारे में दुर्लभ खुलासा करने वाले एक लेख में कहा है कि नई पीढ़ी के नेता के तौर पर राजीव आर्थिक सुधारों के जरिए भारत का उत्थान चाहते थे. यह लेख एक किताब ‘स्टोरीज ऑफ चीन एंड इंडिया’ का हिस्सा है. यह लेख सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की 18 अक्तूबर को होने वाली कांग्रेस से पहले मीडिया को बांटा गया.

सीमा विवाद पर चीन ने भारत को याद दिलाया ‘ऐतिहासिक समझौता’, नियमों का पालन करने को कहा

चीन ने रविवार (8 अक्टूबर) को 1890 के ब्रिटेन-चीन समझौते का हवाला देते हुए दावा किया था कि इसमें चीन-भारत सीमा के सिक्किम सेक्टर के सीमांकन किया गया है. साथ ही इसने नई दिल्ली से आग्रह किया कि इसके प्रावधानों का पालन करें. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के नाथू ला चौकी का दौरा करने के एक दिन बाद चीन की तरफ से यह बयान आया है. सीतारमण के सीमावर्ती इलाके के दौरे पर प्रतिक्रिया जताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने रविवार (8 अक्टूबर) को कहा, ‘‘चीन-भारत सीमा के सिक्किम सेक्टर को ऐतिहासिक सीमा द्वारा सीमांकित किया गया है.’’

सीतारमण के दौरे के बारे में सवालों के जवाब में मंत्रालय ने लिखित जवाब में कहा, ‘‘इस तथ्य का यह सर्वश्रेष्ठ प्रमाण है. हम भारतीय पक्ष से आग्रह करते हैं कि वह तथ्यों का सामना करे, ऐतिहासिक सीमा समझौता के प्रावधानों और पक्षों के बीच प्रासंगिक समझौते का पालन करे और सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए चीन के साथ मिलकर काम करे.’’ मंत्रालय ने प्रत्यक्ष तौर पर 1890 के ब्रिटेन-चीन संधि का जिक्र नहीं किया, जिसका बीजिंग ने अकसर डोकलाम गतिरोध के दौरान जिक्र करते हुए कहा कि इसमें तिब्बत के साथ सिक्किम क्षेत्र को परिभाषित किया गया है, लिहाजा इलाके में सीमा का समाधान हुआ है.

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