हाल ही में एक रिसर्च आई है जिसके मुताबिक, बहुत अधिक गैजैट्स और तकनीक के इस्तेमाल से युवा नोमोफोबिया का शिकार तेजी से हो रहे हैं.
नई दिल्लीः भारत में तकनीक की लत खतरनाक दर से बढ़ रही है और इस कारण युवा नोमोफोबिया का शिकार तेजी से हो रहे हैं. लगभग तीन वयस्क उपभोक्ता लगातार एक साथ एक से अधिक उपकरणों का उपयोग करते हैं और अपने 90 प्रतिशत कार्यदिवस उपकरणों के साथ बिताते हैं. यह बात एडोब के एक अध्ययन में सामने आई है.
हाल ही में एक रिसर्च आई है जिसके मुताबिक, बहुत अधिक गैजैट्स और तकनीक के इस्तेमाल से युवा नोमोफोबिया का शिकार तेजी से हो रहे हैं. रिसर्च में सामने आया कि हर तीन में से लगभग 1 युवा एक साथ 1 से अधिक गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहा है. इतना ही नहीं, युवा दिनभर में 90 फीसदी समय गैजेट्स के साथ निकालते हैं. चलिए जानते हैं ये रिसर्च और क्या कहती है.
गैजेट्स लंबे समय तक इस्तेमाल करने के नुकसान-
रिसर्च के निष्कर्ष ने यह भी संकेत दिया कि 50 % युवा मोबाइल पर गतिविधि शुरू करने के बाद फिर कंप्यूटर पर काम शुरू कर देते हैं. भारत में इस तरह स्क्रीन स्विच करना आम बात है. मोबाइल फोन का लंबे समय तक उपयोग गर्दन में दर्द, आंखों में सूखेपन, कंप्यूटर विजन सिंड्रोम और अनिद्रा का कारण बन सकता है.
क्या है नोमोफोबिया –
20 से 30 वर्ष की आयु के लगभग 60 प्रतिशत युवाओं को अपना मोबाइल फोन खोने की आशंका रहती है, जिसे नोमोफोबिया कहा जाता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर-
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ.के.के. अग्रवाल कहते हैं कि हमारे फोन और कंप्यूटर पर आने वाले नोटिफिकेशन, कंपन और अन्य अलर्ट हमें लगातार उनकी ओर देखने के लिए मजबूर करते हैं. साथ ही हमारा मस्तिष्क लगातार सक्रिय और सतर्क रहता है, लेकिन असामान्य तरह से.
उन्होंने कहा कि हम लगातार उस गतिविधि की तलाश करते हैं, और इसके अभाव में बेचैन, उत्तेजित और अकेला महसूस करते हैं. कभी-कभी हाथ से पकड़ी स्क्रीन पर नीचे देखने या लैपटॉप का उपयोग करते समय गर्दन को बाहर निकालने से रीढ़ पर बहुत दबाव पड़ता है. हम प्रतिदिन विभिन्न उपकरणों पर जितने घंटे बिताते हैं, वह हमें गर्दन, कंधे, पीठ, कोहनी, कलाई और अंगूठे के लंबे और पुराने दर्द सहित कई समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाता है.
डॉ. अग्रवाल स्मार्टफोन की लत को रोकने के लिए कुछ टिप्स :
इलेक्ट्रॉनिक कर्फ्यू: मतलब सोने से 30 मिनट पहले किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का उपयोग न करना.
फेसबुक की छुट्टी: हर तीन महीने में 7 दिन के लिए फेसबुक प्रयोग न करें.
सोशल मीडिया फास्ट: सप्ताह में एक बार एक पूरे दिन सोशल मीडिया से बचें.
अपने मोबाइल फोन का उपयोग केवल तब करें जब घर से बाहर हों.
एक दिन में तीन घंटे से अधिक कंप्यूटर का उपयोग न करें.
अपने मोबाइल टॉक टाइम को एक दिन में दो घंटे से अधिक तक सीमित रखें.
अपने मोबाइल की बैटरी को एक दिन में एक से अधिक बार चार्ज न करें.
ये खबर शोध और एक्सपर्ट की के दावे पर हैं.ideatv न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.