लंदन: रोहिंग्या संकट पर म्यांमार की नेता आंग सान सू ची के रुख को ले कर सिटी ऑफ लंदन की समिति में उनसे सिटी का सर्वाधिक उच्च सम्मान ‘ऑनररी फ्रीडम’ छीनने पर चर्चा होगी. सू ची को म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या अल्पसंख्यक मुसलमानों पर सैन्य दमन की रिपोर्टों पर अपनी कथित नाकामी पर अंतरराष्ट्रीय निंदा-आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. सैन्य दमन से बचने के लिए तकरीबन पांच लाख रोहिंग्या मुसलमानों ने रखाइन से भाग कर पड़ोसी बांग्लादेश में पनाह ली है.
सिटी ऑफ लंदन कॉर्पोरेशन की नीति एवं संसाधन मामलों की समिति की अध्यक्ष कैथरीन मैकगिनीज ने ईमेल संदेश के मार्फत सहयोगी पार्षदों को सूचित किया है कि वह ‘‘बर्मा (म्यांमार) के हालात और बर्मी सेना की ओर से ढाए जा रहे अत्याचार से दुखी हूं.’’ ऑब्जर्वर की एक रिपोर्ट के अनुसार कैथरीन की यह टिप्पणी एक अन्य पार्षद मंसूर अली के ईमेल संदेश के बाद आई जिसमें उन्होंने कहा कि वह म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के नस्ली सफाए के आरोपों पर अपने देश की सशस्त्र सेना को सार्वजनिक रूप से चुनौती देने में सूची की नाकामी की आलोचना के लिए एक प्रस्ताव पेश कर रहे हैं.
बांग्लोदेशी मूल के ब्रिटिश पार्षद ने कहा कि वह सम्मान के आवेदन की निगरानी करने वाली समिति को यह जांच करने का निर्देश देंगे कि क्या उनका सम्मान वापस लिया जा सकता है. अली के साथ ही एक अन्य पार्षद थामस एंडरसन ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है. सूची को इस साल मई में ‘आनररी फ्रीडम ऑफ सिटी ऑफ लंडन’ से सम्मानित किया गया है.