मुंबई : राकांपा ने आज दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को घोषित की गई ‘सौभाग्य’ योजना कुछ और नहीं, बल्कि संप्रग सरकार की 2005 की एक योजना की ‘रीपैकेजिंग’ है. राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से एक पुरानी योजना को नए नाम से पेश किया है.
एनसीपी ने साधा सरकार पर निशाना
‘सौभाग्य’ की तरह की एक योजना यूपीए ने 2005 में शुरू की थी, जिसका नाम राजीव गांधी ग्रामीण विद्युत योजना था और उसके तहत 31 जनवरी 2013 तक दो करोड़ पांच लाख लोगों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया गया था. उन्होंने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी ठीक से नहीं क्रियान्वित हुआ और यहां तक कि स्वर्ण जमा योजना नाकाम हो गई.
पीएम ने सभी को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान करने की सौभाग्य योजना का शुभारंभ किया
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में अब तक बिजली की सुविधा से वंचित 4 करोड़ गरीब परिवारों को 2018 तक नि:शुल्क बिजली कनेक्शन देने प्रदान करने की प्रधानमंत्री सहज हर घर बिजली योजना (सौभाग्य) योजना का सोमवार को शुभारंभ किया जिस पर 16,320 करोड़ रुपए की लागत आयेगी. प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना को पेश करते हुए कहा, ‘यह 16,000 करोड़ रुपए गरीबों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने में खर्च किये जाएंगे। यह राशि गरीबों के जीवन में उजाला लाने के लिए खर्च होंगे.’
मोदी ने खेद प्रकट किया कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी हमारे देश में 4 करोड़ घर ऐसे हैं जहां बिजली नहीं है। देश में 25 करोड़ घर है और इसमें से 4 करोड़ घरों यानि करीब 25 प्रतिशत घर में बिजली नहीं है। वे 18वीं शताब्दी में गुजारा कर रहे हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि उनकी जिंदगी कैसी होगी। बिजली के अभाव में सुख सुविधाएं तो छोड़िए, महिलाओं पर उजाले में ही काम खत्म करने का दबाव रहता है और घर से निकलने में भी समस्या होती थी। सौभाग्य योजना के तहत सरकार ऐसे ही घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ेगी। गरीब को बिजली कनेक्शन के लिये चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, उन्हें घर पर मुफ्त बिजली कनेक्शन प्रदान किया जायेगा । सौभाग्य योजना के तहत दिसंबर 2018 तक सभी घरों को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत दिसंबर 2018 तक सभी घरों को बिजली उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी घरों को बिजली पहुंचाने के लिये प्री-पेड मॉडल अपनाया जाएगा।