लेबनान के प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा के दौरान अपने जीवन को खतरा बताते हुए अप्रत्याशित रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस कदम से पहले से ही राजनीतिक रूप से समस्याओं को सामना कर रहा देश नेतृत्वहीन हो गया है.
सीएनएन के मुताबिक, शनिवार रात रियाद से टेलीविजन पर प्रसारित हुए एक संबोधन में हरीरी ने कहा कि उन्हें अपनी हत्या की साजिश रचे जाने का अंदेशा है. उन्होंने साथ ही ईरान पर क्षेत्र में दखल देने का आरोप लगाया, जिसके कारण तबाही और अराजकता फैल रही है. हरीरी ने कहा कि ईरान क्षेत्र में और सीरिया व इराक दोनों के फैसलों को नियंत्रित करता है.
उन्होंने कहा, ‘मैं ईरान और उसके समर्थकों को यह बताना चाहता हूं कि वह अरब देशों के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश में सफल नहीं हो पाएगा.’
इसके जवाब में ईरान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अमेरिका और सऊदी अरब पर इस्तीफे की योजना बनाने का आरोप लगाया. ईरान के विदेश मंत्रालय के अधिकारी हुसैन शेखउस्लाम ने फार्स न्यूज एजेंसी को बताया कि हरीरी का इस्तीफा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी अरब के मोहम्मद बिन सलमान के साथ समन्वय की वजह से हैं. रिपोर्ट में बताया कि अपने भाषण में एक सुन्नी राजनेता हरीरी ने लेबनान में ईरान समर्थित शिया चरमपंथी समूह हिजबुल्ला का भी जिक्र किया. हिजबुल्ला से संबद्ध लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल आउन ने इस्तीफे को लेकर हरीरी का फोन आने की पुष्टि की है.