शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू हुई जोकि शाम 6 बजे समाप्त हो गई. शाम 6 बजे तक 74 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. 2012 में हुए चुनाव में 73.5 फीसदी वोट पड़े थे. मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत ने बताया कि मतदान समाप्त होने तक 74.45 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकारों का इस्तेमाल कर चुके थे. प्रदेश का इससे पहले सर्वाधिक मतदान रिकार्ड 73.5 प्रतिशत था जो कि 2012 विधानसभा चुनावों में हुआ था. परिणामों की घोषणा गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणामों के साथ ही 18 दिसंबर को होगी. 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए मैदान में उतरे 337 उम्मीदवारों में 60 निवर्तमान विधायक शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश उन कुछ राज्यों में से एक है जहां कांग्रेस का शासन है.
हिमाचल प्रदेश के साथ ही भाजपा शासित गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के रुख का एक संकेत होगा.
चुनाव में उम्मीवारों में कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और भाजपा से मुख्यमंत्री पद के दावेदार प्रेम कुमार धूमल शामिल हैं. दोनों की पार्टियों ने अपनी अपनी जीत के दावे किए हैं.
भाजपा के मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने कहा, ‘‘हमें कम से कम 60 सीटें मिलेंगी और कांग्रेस एक अंक में सिमट कर रह जाएगी.’’ वहीं कांग्रेस ने पार्टी को समर्थन देने के लिए लोगों का शुक्रिया अदा किया. कांग्रेस के मीडिया पैनेलिस्ट अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस को सत्ता में बनाए रखने के लिए मतदान करने के लिए हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं.’’
प्रेम कुमार धूमल ने दावा किया कि हमारा लक्ष्य 50 से अधिक सीटें पाने का था, अब 60 हमें लगता है हम 60 का आंकड़ा पार कर सकते हैं. वहीं, वीरभद्र ने भी जीत का भरोसा जताते हुए कहा है कि अगली सरकार भी कांग्रेस की ही होगी और हमें बहुमत प्राप्त होने का पूरा भरोसा है.
पीएम ने कहा, रिकॉर्ड वोटिंग करें
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अर्की, बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य भी पहली बार चुनाव मैदान में हैं. राज्य में 11,500 जवानों समेत 6400 होमगार्ड्स तैनात किए गए हैं. अर्द्धसैनिक बलों की 65 टुकड़ियां भी सुरक्षा और व्यवस्था को कायम रखने के लिए तैनात की गई हैं. शांतिपूर्ण मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
प्रेमकुमार धूमल और वीरभद्र सिंह खुद के लिए नहीं डाल सकेंगे वोट
राज्य में कड़ा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है. चुनावी रण क्षेत्र में 62 विधायकों सहित 337 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, 10 मंत्री, आठ मुख्य संसदीय सचिव, विधानसभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और एक दर्जन से ज्यादा पूर्व मंत्री समेत अन्य चुनावी मुकाबले में हैं. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की अगुवाई में भाजपा सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बसपा 42 सीट पर, इसके बाद माकपा 14 सीट पर, स्वाभिमान पार्टी और लोक गठबंधन पार्टी छह-छह सीटों पर और भाकपा तीन सीटों पर मैदान में है.