127 बच्चों की मौत, लेकिन सीएम ने सवाल पर साधी चुप्पी

नीतीश कुमार ने दिल्ली से वापस आते ही एईएस और गर्मी दोनों को लेकर मीटिंग की. नीतीश कुमार जल्द ही मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच अस्पताल का दौरा करने वाले हैं. वहीं, जब उनसे पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और अपनी आवास की ओर रवाना हो गए.

मुजफ्फरपुरः बिहार में मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (एईएस) की वजह से 126 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं, चमकी बुखार के प्रकोप को लेकर कहा जा रहा है कि यह मुख्य रूप से लोगों में जागरुकता नहीं होने की वजह से तेजी से फैला है.

नीतीश कुमार ने दिल्ली से वापस आते ही एईएस और गर्मी दोनों को लेकर मीटिंग की. नीतीश कुमार जल्द ही मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच अस्पताल का दौरा करने वाले हैं. वहीं, जब उनसे पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और अपनी आवास की ओर रवाना हो गए.

आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर में इन दिनों चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों से पूरा अस्पताल भरा पड़ा है. वहीं, बच्चों की लाश भी दिख रहे हैं. अब इस प्रकोप के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को मुख्य रूप से जिम्मेवार ठहराया जा रहा है.

मुजफ्फरपुर की एक समाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ परिवाद दायर किया है. परिवाद मुजफ्फरपुर सीजीएम कोर्ट में दायर किया गया है. जिस पर सुनवाई 24 जून को होगी.

आपको बता दें कि बिहार में एईएस का प्रकोप करीब पांच साल से भी अधिक वक्त से चला आ रहा है. ऐसे में न ही राज्य सरकार ने इस पर अहम कदम उठाया और न ही केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई भी काम किया गया है. यहां तक की लोगों में जागरुक्ता के लिए भी कोई बड़ी पहल नहीं की गई. बीते दिनों सीएम नीतीश कुमार ने भी कहा था कि इस साल प्रकोप इसलिए बढ़ा है कि लोगों में इसके प्रति जागरुक्ता में कमी आई है.

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