निजामुद्दीन उर्स के लिए भारत ने नहीं दिया 200 जायरीन को वीजा

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने शनिवार (30 दिसंबर) को दावा किया कि भारत ने करीब 200 जायरीनों को वीजा देने से इनकार कर दिया जो देश में हजरत निजामुद्दीन औलिया के उर्स में भाग लेना चाहते थे. विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान एक से आठ जनवरी तक नई दिल्ली में आयोजित होने जा रहे उर्स में 192 पाकिस्तानी जायरीनों को आखिरी क्षण में भारत द्वारा वीजा न दिए जाने पर क्षोभ व्यक्त करता है. बयान में कहा गया है, ‘‘भारत के फैसले के कारण पाकिस्तानी जायरीनों को उर्स में भाग लेने का मौका नहीं मिल पाएगा. उर्स का एक खास महत्व है.’’ यह यात्रा धार्मिक स्थलों के दौरे पर 1974 के पाकिस्तान-भारत प्रोटोकॉल के प्रावधानों के तहत होनी थी और यह एक वार्षिक प्रक्रिया है.

बयान के अनुसार, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है और 1974 प्रोटोकॉल तथा लोगों से लोगों के संपर्क के उद्देश्य की भावना के खिलाफ है.’’ इसमें कहा गया है कि द्विपक्षीय प्रोटोकॉल और धार्मिक आजादी के मूल मानवाधिकार का उल्लंघन होने के साथ ही ऐसे कदमों से माहौल बेहतर बनाने, लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य बनाने के प्रयासों को नुकसान पहुंचता है. विदेश विभाग ने कहा, ‘‘यह विडंबना है कि यह हजरत निजामुद्दीन औलिया के उर्स के मौके पर किया गया जो समुदायों को एक-दूसरे के करीब लाने के प्रतीक हैं.’’

जाधव की मां, पत्नी के साथ बर्ताव को लेकर भारत में हो रही है पाकिस्तान की आलोचना
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए वहां गई उनकी मां एवं पत्नी के साथ पाकिस्तान में किये गये अशिष्ट व्यवहार पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्यप्रदेश के ओरछा में शनिवार (30 दिसंबर) को कहा कि जाधव की मां और पत्नी के साथ पाकिस्तान में जो बर्ताव किया गया, उसकी जितनी भर्त्सना की जाये कम है. राजनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘जाधव की मां और पत्नी के साथ पाकिस्तान में जो बर्ताव किया गया, उसकी जितनी भर्त्सना की जाये कम है.’ उन्होंने कहा कि इस मामले में पाकिस्तानी मीडिया का भी रवैया निंदनीय रहा.

राजनाथ ने बताया, ‘पाकिस्तान की मीडिया से हमें इस तरह की उम्मीद नहीं थी.’ गौरतलब है कि जाधव की मां और पत्नी ने 25 दिसंबर को उनसे पाकिस्तान के इस्लामाबाद में मुलाकात की थी. इस दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों ने सुरक्षा के नाम पर जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाये, उनके चूड़ियां, बिंदी, मंगलसूत्र एवं अन्य गहने उतरवा लिये. इसके अलावा, पाकिस्तानी मीडिया ने भी इन दोनों से चिल्ला-चिल्ला कर ऊट-पटांग सवाल पूछे थे, जबकि इस मुलाकात में मीडिया को दूर रहने को कहा गया था. इस प्रकार इस भावपूर्ण भेंट को पाकिस्तान ने एक दुष्प्रचार के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया था.

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