नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 34वां दिन है। कल यानी 30 दिसंबर को सरकार और किसानों के बीच बातचीत होगी। इसके लिए किसान और सरकार दोनों ही पक्ष तैयार हो गए हैं। ये बातचीत दो बजे होगी। उम्मीद है कि कल होने वाली बैठक में इस मसले का कुछ हल निकल सके।
केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने किसानों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी। केंद्रीय कृषि सचिव ने किसानों को लिखे पत्र में खास तौर से संयुक्त किसान मोर्चा को 26 दिसंबर के पत्र का जिक्र करते हुए कहा है कि सरकार खुले मन से किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। सरकार ने साफ किया है कि साफ नियत और खुले मन से इस मुद्दे पर वार्ता के लिए प्रतिबद्ध है।
कड़ाके की सर्दी और गिरते पारे के साथ-साथ कोरोना के खतरों के बीच 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं।
आपको बता दें कि सरकार और किसानों के बीच अबतक हुई बातचीत और तमाम कोशिशें बेनतीजा रही है। किसान तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह हटाने की मांग पर अड़े हैं। वहीं सरकार कानूनों को हटाने की जगह उनमें संशोधन करने की बात कह रही है। किसान संगठन कृषि कानूनों को रद करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने की मांग से नीचे आने को तैयार नहीं हैं।
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