नई दिल्ली: रेलवे ने उन 48 और ट्रेनों का किराया बढ़ा दिया है. जिन्हें हाल ही में सुपरफास्ट में तब्दील किया था. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन 1 नवंबर से ट्रेनों की स्पीड बढ़ने के साथ ही किराया भी बढ़ गया. हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ये ट्रेने समय पर दौड़ेंगी. हालांकि, इन ट्रेनों की स्पीड में महज 5 किलोमीटर की बढ़ोतरी कर 50 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दी गई है. गौरतलब है कि रेलवे ने 1 नवंबर से कई मेल और एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड बढ़ाकर उन्हें सुपरफास्ट ट्रेन में तब्दील कर दिया गया है. इन ट्रेनों पर सुपरफास्ट चार्ज लगा दिया गया है. वर्तमान में, राजधानी, दूरंतो और शाताबदी जैसी कई ट्रेने बिना विलंब के आधार पर चलती हैं. सुपरफास्ट में तब्दील की गईं ट्रेनों में रेलवे ने कोई और सुविधाओं में कोई इजाफा नहीं किया है. स्लीपर के लिए 30 रुपये सेकेंड और थर्ड एसी के लिए 45 रुपये और फर्स्ट एसी के लिए 75 रुपये अतिरिक्त देने होंगे. कुल 1072 ट्रेनों को सुपरफास्ट में तब्दील किया गया है.
पिछले साल जुलाई में कैग ने अपनी रिपोर्ट में सुपरफास्ट चार्ज वसूलने पर रेलवे की जमकर खिचाई की थी. कैग ने अपनी रिपोर्ट में पाया था कि यात्री सुपर फास्ट चार्ज का भुगतान करते हैं, जबकि ट्रेन समय पर नहीं चलती. कैग ने सुपरफास्ट सेवा प्रदान नहीं किए जाने की स्थिति में यात्रियों को सुपरफास्ट चार्ज रिफंड करने को भी कहा था.
रिपोर्ट में कहा गया था, “कैग ने पाया कि उत्तर मध्य और दक्षिण मध्य रेलवे ने 2013-14 से लेकर 2015-16 तक यात्रियों से 11.17 करोड़ रुपये सुपरफास्ट चार्ज के नाम पर वसूले थे लेकिन 21 ट्रेनें ऐसी थी जिनकी औसत स्पीड 55 किमी प्रति घंटा भी नहीं थी.” रेलवे में उपलब्ध डेटा के मुताबिक, 890 सुपरफास्ट ट्रेनें जुलाई, अगस्त और सितंबर में इस साल लेट चल रही थीं.
नई सुपरफास्ट ट्रेनों में ये ट्रेनें शामिल हैं- पुणे-अमरावती एसी एक्सप्रेस, पाटलीपुत्र-चंडीगढ़ एक्सप्रेस, विशाखापत्तनम-नांदेड़ एक्सप्रेस, दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस, कानपुर-उधमपुर एक्सप्रेस, छपरा-मथुरा एक्सप्रेस, रॉक फोर्ट चेन्नै-तिरुचिलापल्ली एक्सप्रेस, बेंगलुरु-शिवमोगा एक्सप्रेस, टाटा-विशाखापत्तनम एक्सप्रेस, दरभंगा-जालंधर एक्सप्रेस, मुंबई-मथुरा एक्सप्रेस, मुंबई-पटना एक्सप्रेस.