6 लाख रुपये के बराबर हुआ 1 बिटक्वाइन

वर्चुलअ करेंसी बिटक्वॉइन अब न सिर्फ हैकरों की फेवरेट रह गई है, बल्कि यह निवेशकों की मनपसंद करेंसी भी बनती जा रही है. बिटक्वॉइन की वैल्यू अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. 1 बिटक्वॉइन अब 10 हजार डॉलर के बराबर हो गया है. इसका मतलब यह है कि भारतीय रुपये में एक बिटक्वॉइन की वैल्यू 6 लाख 45 हजार रुपये से भी ज्यादा हो गई है.

पहली बार पहुंचा इस स्तर पर

2009 में शुरुआत करने के बाद यह पहली बार है, जब बिटक्वॉइन ने कुछ सूचकांक पर 10 हजार डॉलर का आंकड़ा पार किया है. बता दें कि बिटक्वॉइन न सिर्फ हैक‍िंग के जरिये अवैध वसूली करने वाले हैकरों की पहली पसंद है, बल्क‍ि यह न‍िवेशकों की भी फेवरेट बन चुका है. भारत में फिलहाल इसे कानूनी मान्यता नहीं है.

क्या है बिटक्वॉइन

बिटक्वॉइन की शुरुआत जनवरी 2009 में हुई थी. इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल कर दुनिया के किसी कोने में किसी व्यक्ति को पेमेंट किया जा सकता है और सबसे खास बात यह है कि इस भुगतान के लिए किसी बैंक को माध्यम बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती.

कैसे काम करती है डिजिटल करेंसी?

बिटक्वॉइन का इस्तेमाल पीयर टू पीयर टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इसका मतलब कि बिटक्वॉइन की मदद से ट्रांजैक्शन दो कंप्यूटर के बीच किया जा सकता है. इस ट्रांजैक्शन के लिए किसी गार्जियन अथवा केंद्रीय बैंक की जरूरत नहीं पड़ती. बिटक्वॉइन ओपन सोर्स करेंसी है, जहां कोई भी इसकी डिजाइन से लेकर कंट्रोल को अपने हाथ में रख सकता है. इस माध्यम से ट्रांजैक्शन कोई भी कर सकता है क्योंकि इसके लिए किसी तरह की रजिस्ट्रेशन अथवा आईडी की जरूरत नहीं पड़ती.

 किसने की बिटक्वॉइन की शुरुआत?

बिटक्वॉइन की शुरुआत करने को लेकर अभी तक कोई साफ तस्वीर सामने नहीं आ सकी है. कई लोगों ने ये दावा किया है कि उन्होंने इस करंसी को इजाद किया है, लेकिन इस पर पुख्ता मुहर अभी तक नहीं लगी है. इसलिए फिलहाल ये साफ नहीं है कि आख‍िर इस करेंसी को किसने तैयार किया था. एक अज्ञात व्यक्ति, जो खुद को संतोषी नाकामोटो नाम से बुलाता है. इसे ही इसे तैयार करने वाला शख्स बताया जाता है. हालांकि इसके बारे में फिलहाल ज्यादा जानकारी नहीं है.

क्या है बिटक्वॉइन की अहम खूबियां?

बिटकॉयन से इंटरनेट पर आसानी से दो लोगों के बीच ट्रांजैक्शन किया जा सकता है. इस ट्रांजैक्शन में शामिल दोनों लोगों के बीच जान पहचान होना जरूरी नहीं है. न ही इस ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए सरकार, बैंक अथवा किसी एजेंसी की जरूरत पड़ती है. एक बार बिटकॉयन के माध्यम से ट्रांजैक्शन हो जाने के बाद इसे कैंसल नहीं किया जा सकता है.

ग्लोबल करेंसी मार्केट में ट्रेड होता है बिटक्वॉइन

2009 में लॉंचिंग के बाद बिटक्वॉइन की लोकप्रियता में लगातार इजाफा हुआ है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई कंपनियां और स्टोर बिटक्वॉइन में पेमेंट स्वीकार करती हैं. लंदन के ग्लोबल फॉरेक्स मार्केट में बिटक्वॉइन ट्रेड होता है लेकिन ट्रेडिंग महज वर्चुअल रहती है. इस ट्रेडिंग के आधार पर बिटक्वॉइन की इंटरनैशनल करेंसी बास्केट में मौजूद सभी करेंसी के सापेक्ष कीमत तय हो जाती है.

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