पाकिस्तान में कथित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहीं महिला कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल भागकर अमेरिका पहुंच गई हैं। उन्होंने अमेरिका से राजनीतिक शरण देने की गुहार भी लगाई है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
अखबार के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 32 वर्षीय गुलालई का नाम निकास नियंत्रण सूची (ईसीएल) में शामिल करने की सिफारिश की थी। हालांकि, वह पिछले महीने ही पाकिस्तान से भागने में कामयाब रहीं। अखबार की मानें तो गुलालई अभी अमेरिका के ब्रुकलिन में अपनी बहन के साथ रह रही हैं। उन्होंने यह नहीं बताया है कि वह पाकिस्तान से कैसे बाहर निकलने में सफल हुईं।
रिपोर्ट में गुलालई के एक साक्षात्कार का जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘मैंने किसी हवाईअड्डे से उड़ान नहीं भरी, लेकिन मैं इससे ज्यादा आपको कुछ नहीं बता सकती। देश से भागने की कहानी बताने पर कई लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी।’ पिछले साल नवंबर में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सूचना दी गई थी कि आईएसआई ने विदेश में कथित देशविरोधी गतिविधियों के कारण गुलालई का नाम ईसीएल में डालने की सिफारिश की है।
इसके बाद गुलालई ने याचिका दायर कर उनका नाम ईसीएल में डालने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी, जिस पर उच्च न्यायालय ने उनका नाम हटाने का आदेश दिया। हालांकि, अदालत ने आईएसआई की सिफारिश की पृष्ठभूमि में गृह मंत्रालय को गुलालई का पासपोर्ट जब्त करने सहित उचित कदम उठाने की अनुमति दे दी थी। गुलालई दुनिया के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में महिला अधिकारों की रक्षा के लिए ‘वॉयस फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी’ समूह का गठन करने के लिए जानी जाती हैं।
माता-पिता को लेकर चिंतित
-गुलालई इस्लामाबाद में रह रहे अपने माता-पिता को लेकर चिंतित हैं, जो आतंकी फंडिंग के आरोपों के चलते कड़ी निगरानी में हैं। उन्होंने समर्थन के लिए कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सांसदों से मुलाकात की है।
डेमोक्रेट सांसद का समर्थन
-डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े अमेरिकी सांसद चार्ल्स शूमर ने कहा कि वह गुलालई को शरण दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। यह स्पष्ट है कि अगर वह पाकिस्तान लौटती हैं तो उनकी जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।