राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP)केस में बेंगलुरु से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP)केस में बेंगलुरु से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस शख्स का नाम अब्दुल रहमान बताया गया है। यह पेशे से नेत्र रोग विशेषज्ञ बताया जा रहा है। एनआईए के अनुसार यह डॉक्टर सीरिया जाकर आईएसआईएस आतंकियों का इलाज भी कर चुका है। 28 वर्षीय अब्दुल रहमान बेंगलुरू के रमैया मेडिकल कॉलेज में नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहा था।
बता दें कि आईएसकेपी से जुड़ा यह मामला दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा मार्च, 2020 में कश्मीरी दंपति की गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया गया था। दिल्ली के जामिया नगर के ओखला विहार से जहानज़ीब सामी वानी और उनकी पत्नी हिना बशीर बेघ को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस दंपति को ISKP से संबद्ध पाया गया था। यह एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है और ISIS का एक हिस्सा है और इसे विध्वंसक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल पाया गया है। ये कश्मीरी दम्पत्ति अब्दुल्ला बसिथ के संपर्क में भी आई थी, जो पहले से ही एक और एनआईए मामले (आईएसआईएस अबू दबी मॉड्यूल) में तिहाड़ जेल में बंद थे।
पूछताछ के दौरान, गिरफ्तार आरोपी अब्दुर रहमान ने कबूल किया कि वह आरोपी जहानजीब सामी और अन्य सीरिया स्थित आईएसआईएस गुर्गों के साथ आईएसआईएस गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सुरक्षित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर साजिश रच रहा था। वह संघर्ष-क्षेत्रों में घायल आईएसआईएस कैडरों की मदद के लिए एक चिकित्सा प्रक्रिया विकसित करने और आईएसआईएस लड़ाकों के लिए एक हथियार से संबंधित आवेदन करने की प्रक्रिया में था।
गौरतलब है कि अब्दुल रहमान ने आईएसआईएस के आतंकवादियों के इलाज के लिए 2014 की शुरुआत में सीरिया में आईएसआईएस के एक मेडिकल कैंप का दौरा किया था और 10 दिनों तक इस्लामिक स्टेट के गुर्गों के साथ रहा। उसे गिरफ्तार करने के बाद, NIA ने कर्नाटक पुलिस की सहायता से बेंगलूरु में उससे जुड़े 03 परिसरों की तलाशी ली और डिजिटल उपकरण, मोबाइल फोन, लैपटॉप सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त की। गिरफ्तार आरोपियों को नई दिल्ली में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा और उनसे हिरासत में पूछताछ के लिए एनआईए का रिमांड मांगा जाएगा।
दिल्ली:इस बार लोग गणेश चतुर्थी के लिए भगवान गणेश की पीओपी वाली मूर्ति की जगह मिट्टी की मूर्ति लेना पसंद कर रहे हैं। एक मूर्तिकार ने बताया,"पहले पीओपी की मूर्ति बिकती थी अब नहीं बिकतीं,अब मिट्टी की बनी बनाई मूर्ति लाते हैं और बेचते हैं। मिट्टी की मूर्ति में ज़्यादा पैसे लगते हैं।" pic.twitter.com/tDbfhoi4Ps
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 19, 2020
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