धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा के साथ साथ भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की आराधना का भी विधान है. वहीं, इस दिन घी का सेवन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
नई दिल्ली : हिन्दू धर्म में सूर्य देव का राशि परिवर्तन संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि सूर्य ग्रह का जिस भी राशि में परिवर्तन होता है उस दिन को उस राशि की संक्रांति के नाम से जाना जाता है. इस बार यह राशि परिवर्तन 17 अगस्त 2022, दिन बुधवार को होने जा रहा है. चूंकि सूर्य का गोचर इस बार सिंह राशि में है जिसपर स्वयं सूर्य का ही आधिपत्य है इसलिए इस संक्रांति को सिंह संक्रांति के नाम से जाना जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा के साथ साथ भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की आराधना का भी विधान है. वहीं, इस दिन घी का सेवन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है इस रोचक तथ्य का सत्य.
सिंह संक्रांति 2022 घी खाने का रहस्य (Singh Sankranti 2022 Significance Of Ghee)
धार्मिक ग्रंथों में घी का सेवन न सिर्फ धार्मिक अपितु वैज्ञानिक तौर पर भी लाभदायी बताया गया है. वहीं, संक्रांति के दिन घी खाने को लेकर भी कुछ जानकारियाँ दी गई हैं. माना जाता है कि संक्रांति का दिन सेहत प्रदान करने में साल का सबसे बेहतरीन दिन होता है. ऐसे में सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन करके उत्तम सेहत पी जा सकती है. मान्यता है कि इस दिन घी का सेवन करने से ऊर्जा, तेज और बुद्धि में वृद्धि होती है.
धार्मिक मान्यता है कि सूर्य संक्रांति के दिन घी खाने से राहु और केतु के कुप्रभाव से बचा जा सकता है. वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति संक्रांति के दिन घी का सेवन नहीं करता है तो उसे अगला जन्म घोंघे के रूप में मिलता है. जोकि एक ऐसा जीव है जिसकी चाल बहुत धीमी होती है और जिसे आलस्य का प्रतीक माना जाता है.
इसके अतिरिक्त, आयुर्वेद की मानें तो गाय का शुद्ध घी अर्थात देसी गाय का घी न सिर्फ बॉडी में एनर्जी पैदा करता है बल्कि इसके असर से याद्दाश्त भी तेज होती है और शरीर को भी बल मिलता है. इसके अलावा, वैसे तो घी को आमतौर पर वजन बढ़ाने या मोटा करने के लिए ही जाना जाता है लेकिन अगर गाय का शुद्ध घी खाया जाए जिसमें जरा भी मिलावट न हो तो ये चर्बी घटाने में भी सहायक साबित होता है. साथ ही, घी खाने से वात, पित्त और बुखार आदि समस्याओं से भी निजात मिल जाती है.
– सिंह सूर्य राशि के स्वामी हैं. इस बार सूर्य का प्रवेश अपनी ही राशि में होने जा रहा है.
– सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव अपनी राशि में वापस आ जाएंगे और उस समय सूर्य का बल सर्वोच्च स्तर पर होगा.
– सूर्य को आत्मा कारक ग्रह के तौर पर जाना जाता है.
– बलशाली होने से सूर्य का असर और भी अधिक देखने को मिलेगा.
– सूर्य देव के असर से किसी भी प्रकार के रोग का प्रभाव व्यक्ति पर कम रहेगा.
– इसके अलावा, सूर्य के असर से व्यक्ति में आत्मबल और आत्मविश्वास की भी वृद्धि होगी.
– पूरे भादों माह के दौरान सूर्य देव को जल अर्पित करना उत्तम माना गया है.
Our athletes come from different states, diverse cultures and play different sports but the love for our nation and pride towards the Tiranga unites them. pic.twitter.com/gosZYZnGdb
— Narendra Modi (@narendramodi) August 13, 2022
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